tag:blogger.com,1999:blog-1179500806843039872.post2172540469089105293..comments2023-04-07T07:05:03.704-07:00Comments on खबरी और गप्पी : न्याय व्यवस्था, सरकार और लूट को समर्थन Rambilas Garghttp://www.blogger.com/profile/13450719683314983539noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1179500806843039872.post-40116200537201594892016-04-25T07:27:18.018-07:002016-04-25T07:27:18.018-07:00 लेकिन क्या ये महज अदालतों पर किये जाने वाले खर्च ... लेकिन क्या ये महज अदालतों पर किये जाने वाले खर्च का मामला है ? नहीं। गरीबों को न्याय मिलना दूभर करना भी उसी व्यवस्था का हिस्सा है जो केवल शोषण पर निर्भर है। इस व्यवस्था में जनता को मजबूर किया जाता है की वो ऊपर वालों के सामने समर्पण कर दे। अगर लोगों को त्वरित न्याय मिलने लगेगा तो जुल्म का प्रतिरोध करने की लोगों की क्षमता बढ़ जाएगी। और सत्ता यही नहीं चाहती। लूट को सुलभ करने के लिए न्याय व्यवस्था का कमजोर होना जरूरी है। ....एकदम सटीक बात कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com