गप्पी -- पहले इन्होने भारतीय संविधान से "समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता " शब्द निकलने की मांग की थी। बाद में इन्हे लगा की ये थोड़ा ज्यादा है तो अब उसे किस्तों में करने को कह रहे हैं।
पहली क़िस्त- मुस्लिमों का वोट का अधिकार छीनो।
दूसरी क़िस्त - महाराष्ट्र में परप्रांतियों का वोट का अधिकार छीनो।
तीसरी क़िस्त - महाराष्ट्रियनो में दलितों का वोट का अधिकार छीनो।
चौथी क़िस्त - शेष बचे हुओं में से महिलाओं का वोट का अधिकार छीनो।
ऊपर बताये गए सभी लोग हमारे हिसाब से नागरिक नही वोटबैंक हैं।
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