खबरी -- राजनाथ सिंह ने कहा है की गाय के 80 % जीन्स आदमी से मिलते हैं।
गप्पी -- विज्ञानं के हिसाब से ये कोई बहुत बड़ा रहस्योद्घाटन नही है। बन्दर और चिम्पाजी के तो 95 - 98 % जीन्स आदमी से मिलते हैं। मगर असली सवाल ये है की राजनाथ सिंह ने ये बात गोरक्षा के सन्दर्भ में कही है। हैरत इस बात की है की उन्हें दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक दिखाई नही देते जो 100 % उनके खुद के जीन्स से मिलते हैं।
खबरी -- नन्दिनी सुंदर और दूसरे लोगों पर छतीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया है।
गप्पी -- सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखकों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, छात्रों और राजनितिक कार्यकर्ताओं पर बीजेपी द्वारा दमन की कार्यवाही के रूप में फर्जी मुकदमे दायर करना कोई नई बात नही है। ये लिस्ट गुजरात से शुरू होती है जैसे -
१. मल्लिका साराभाई ( जानीमानी सामाजिक कार्यकर्ता और मशहूर वैज्ञानिक डा विक्रम साराभाई की पुत्री )
२. संजीव भट्ट ( गुजरात के बर्खास्त आईपीएस अधिकारी )
३. तीस्ता सीतलवाड़ ( सामाजिक कार्यकर्ता और सुप्रीम कोर्ट की वकील )
४. कन्हैया और दूसरे JNU के छात्र ( JNU छात्र संघ अध्यक्ष और पदाधिकारी )
५. सोनी सोरी ( छतीशगढ की आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ता )
६. दिल्ली के आप विधायक
७. नन्दिनी सुंदर ( दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता )
८. संजय पराते ( मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के छतीसगढ़ राज्य सचिव और केंद्रीय कमेटी सदस्य )
९. अजय तिवारी ( मध्यप्रदेष प्रगतिशील लेखक संघ के सचिव )
१०. जी एन साईबाबा ( दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर )
११. अर्चना प्रशाद ( प्रोफेसर, JNU )
इनके अलावा सैंकड़ों अन्य लोगों के खिलाफ भी दमनात्मक कार्यवाही की गयी है।
गप्पी -- विज्ञानं के हिसाब से ये कोई बहुत बड़ा रहस्योद्घाटन नही है। बन्दर और चिम्पाजी के तो 95 - 98 % जीन्स आदमी से मिलते हैं। मगर असली सवाल ये है की राजनाथ सिंह ने ये बात गोरक्षा के सन्दर्भ में कही है। हैरत इस बात की है की उन्हें दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक दिखाई नही देते जो 100 % उनके खुद के जीन्स से मिलते हैं।
खबरी -- नन्दिनी सुंदर और दूसरे लोगों पर छतीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया है।
गप्पी -- सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखकों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, छात्रों और राजनितिक कार्यकर्ताओं पर बीजेपी द्वारा दमन की कार्यवाही के रूप में फर्जी मुकदमे दायर करना कोई नई बात नही है। ये लिस्ट गुजरात से शुरू होती है जैसे -
१. मल्लिका साराभाई ( जानीमानी सामाजिक कार्यकर्ता और मशहूर वैज्ञानिक डा विक्रम साराभाई की पुत्री )
२. संजीव भट्ट ( गुजरात के बर्खास्त आईपीएस अधिकारी )
३. तीस्ता सीतलवाड़ ( सामाजिक कार्यकर्ता और सुप्रीम कोर्ट की वकील )
४. कन्हैया और दूसरे JNU के छात्र ( JNU छात्र संघ अध्यक्ष और पदाधिकारी )
५. सोनी सोरी ( छतीशगढ की आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ता )
६. दिल्ली के आप विधायक
७. नन्दिनी सुंदर ( दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता )
८. संजय पराते ( मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के छतीसगढ़ राज्य सचिव और केंद्रीय कमेटी सदस्य )
९. अजय तिवारी ( मध्यप्रदेष प्रगतिशील लेखक संघ के सचिव )
१०. जी एन साईबाबा ( दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर )
११. अर्चना प्रशाद ( प्रोफेसर, JNU )
इनके अलावा सैंकड़ों अन्य लोगों के खिलाफ भी दमनात्मक कार्यवाही की गयी है।
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