और एक दिन एक देश के प्रधानमंत्री ने टीवी पर आकर घोषणा कर दी,
मित्रों,
जैसा की आप जानते हैं की देश में खून का काला कारोबार चल रहा है। किसी भी गरीब आदमी को किसी भी ब्लड बैंक से खून नही मिलता। हालाँकि ये गरीबों का खून होता है जो बैंको में जमा है। डॉक्टर और ब्लड बैंक वाले मिलकर खून का व्यापार करते हैं। लोगों से खून पैसे लिए जाते हैं। इसके अलावा ये भी जानकारी है की बिना चेक किये खून दे दिया जाता है। जिससे लोग गम्भीर बिमारियों का शिकार हो रहे हैं। इनमे से कुछ बीमारियां तो लाईलाज होती हैं। इसके अलावा कुछ लोग बाकायदा खून बेचने का धंधा करते हैं। ये लोग तीन महीने के तय समय से पहले भी दुबारा खून दे देते हैं। अभी अभी ये खबर भी आयी है की लोग नकली खून भी बना रहे हैं और उसे मार्केट में बेच रहे हैं। कुल मिलाकर हालत बहुत ही खराब हो गयी है।
इसलिए सरकार ने ये फैसला लिया है की आज आधीरात के बाद किसी भी ब्लड बैंक में रखा खून गैरकानूनी घोषित किया जाता है। आधी रात के बाद पहले का कोई भी खून किसी काम का नही रहेगा। अब इसके बाद खून के लिए सरकार ने कुछ नियम बनाये हैं। अब कोई भी खून देने वाला पहले सरकारी हस्पताल जा कर अपनी टेस्टिंग करवाएगा और इस बात का सर्टिफिकेट प्राप्त करेगा की वो खून देने लायक है या नही। उसके बाद उसे शपथपत्र के द्वारा ये बताना पड़ेगा की वो जो खून दान कर रहा है वो उसे लेने वाले को व्यक्तिगत रूप से जानता है। साथ ही उसे इस बात का सबूत भी देना होगा की उसने खून बेचा नही है। अब हर ब्लड बैंक को इसका रिकार्ड रखना होगा की किस आदमी का खून किसको चढ़ाया गया है। इससे पहले खून लेने वाले को डॉक्टर से इस बात का प्रमाणपत्र लेना होगा की उसे खून की जरूरत है और कितने की है। उसके बाद डॉक्टर को ये भी लिखकर देना होगा की ये खून देने के बाद मरीज बच जायेगा और खून बेकार नही जायेगा।
मित्रों,
इन नियमो के बाद खून की कालाबाज़ारी बिलकुल खत्म हो जाएगी। साथ ही प्रदूषित खून चढ़ाने की शिकायतें भी खत्म हो जाएगी। साथ ही खून को बेचने का कारोबार भी खत्म हो जायेगा।
अगले दिन से सभी ब्लड बैंको पर लम्बी लम्बी लाइन लगी हुई थी। खून दान करने वालों को वापिस भेज जा रहा था क्योंकि उनके पास जरूरी कागजात नही थे। खून लेने वालो के लिए खून उपलब्ध ही नही था। सारे ऑपरेशन रोक दिए गए थे। एक्सीडेंट में घायल होने वाले लोग खून के अभाव में मर रहे थे। चारों तरफ हाहाकार मच गया।
इस पर देश के स्वास्थ्य मंत्री ने टीवी पर बयान दिया की देश में खून की कोई कमी नही हैं। जरूरत के हिसाब से पूरा खून मौजूद है। और जो लोग सरकार के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं, दरअसल वो खून का काला कारोबार करने वाले लोग हैं जिनकी कमर टूट गयी है।
उसके बाद देश सकुशल चल रहा है। लोग सरकार के फैसले को सही बता रहे हैं। जो मर रहे हैं उन्हें कुछ दिन तकलीफ सहने और इंतजार करने को कहा जा रहा है।
मित्रों,
जैसा की आप जानते हैं की देश में खून का काला कारोबार चल रहा है। किसी भी गरीब आदमी को किसी भी ब्लड बैंक से खून नही मिलता। हालाँकि ये गरीबों का खून होता है जो बैंको में जमा है। डॉक्टर और ब्लड बैंक वाले मिलकर खून का व्यापार करते हैं। लोगों से खून पैसे लिए जाते हैं। इसके अलावा ये भी जानकारी है की बिना चेक किये खून दे दिया जाता है। जिससे लोग गम्भीर बिमारियों का शिकार हो रहे हैं। इनमे से कुछ बीमारियां तो लाईलाज होती हैं। इसके अलावा कुछ लोग बाकायदा खून बेचने का धंधा करते हैं। ये लोग तीन महीने के तय समय से पहले भी दुबारा खून दे देते हैं। अभी अभी ये खबर भी आयी है की लोग नकली खून भी बना रहे हैं और उसे मार्केट में बेच रहे हैं। कुल मिलाकर हालत बहुत ही खराब हो गयी है।
इसलिए सरकार ने ये फैसला लिया है की आज आधीरात के बाद किसी भी ब्लड बैंक में रखा खून गैरकानूनी घोषित किया जाता है। आधी रात के बाद पहले का कोई भी खून किसी काम का नही रहेगा। अब इसके बाद खून के लिए सरकार ने कुछ नियम बनाये हैं। अब कोई भी खून देने वाला पहले सरकारी हस्पताल जा कर अपनी टेस्टिंग करवाएगा और इस बात का सर्टिफिकेट प्राप्त करेगा की वो खून देने लायक है या नही। उसके बाद उसे शपथपत्र के द्वारा ये बताना पड़ेगा की वो जो खून दान कर रहा है वो उसे लेने वाले को व्यक्तिगत रूप से जानता है। साथ ही उसे इस बात का सबूत भी देना होगा की उसने खून बेचा नही है। अब हर ब्लड बैंक को इसका रिकार्ड रखना होगा की किस आदमी का खून किसको चढ़ाया गया है। इससे पहले खून लेने वाले को डॉक्टर से इस बात का प्रमाणपत्र लेना होगा की उसे खून की जरूरत है और कितने की है। उसके बाद डॉक्टर को ये भी लिखकर देना होगा की ये खून देने के बाद मरीज बच जायेगा और खून बेकार नही जायेगा।
मित्रों,
इन नियमो के बाद खून की कालाबाज़ारी बिलकुल खत्म हो जाएगी। साथ ही प्रदूषित खून चढ़ाने की शिकायतें भी खत्म हो जाएगी। साथ ही खून को बेचने का कारोबार भी खत्म हो जायेगा।
अगले दिन से सभी ब्लड बैंको पर लम्बी लम्बी लाइन लगी हुई थी। खून दान करने वालों को वापिस भेज जा रहा था क्योंकि उनके पास जरूरी कागजात नही थे। खून लेने वालो के लिए खून उपलब्ध ही नही था। सारे ऑपरेशन रोक दिए गए थे। एक्सीडेंट में घायल होने वाले लोग खून के अभाव में मर रहे थे। चारों तरफ हाहाकार मच गया।
इस पर देश के स्वास्थ्य मंत्री ने टीवी पर बयान दिया की देश में खून की कोई कमी नही हैं। जरूरत के हिसाब से पूरा खून मौजूद है। और जो लोग सरकार के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं, दरअसल वो खून का काला कारोबार करने वाले लोग हैं जिनकी कमर टूट गयी है।
उसके बाद देश सकुशल चल रहा है। लोग सरकार के फैसले को सही बता रहे हैं। जो मर रहे हैं उन्हें कुछ दिन तकलीफ सहने और इंतजार करने को कहा जा रहा है।
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