Thursday, February 15, 2018

PNB घोटाले पर सरकार के रुख पर उठते सवाल

                   PNB के 11400 करोड़ के घोटाले पर टीवी पर बहस के दौरान बीजेपी के प्रवक्ता सरफराज आलम ने कहा की ये घोटाला कांग्रेस की देन है और इस पर कांग्रेस को देश से माफ़ी मांगनी चाहिए। उसने ये भी कहा की कांग्रेस के शासन के दौरान पीएमओ से फोन करके बैंको पर दबाव डाल कर बड़े बड़े लोन दिलवाये जाते थे और उनमे कमीशन लिया जाता था।
                     ये आरोप अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाने की नाकाम कोशिश के साथ साथ अपनी भाषा के स्तर पर निहायत घटिया भी है। लेकिन फिर भी अगर इसे सच मान लें, तो भी कुछ सवालों के जवाब बीजेपी को देने ही होंगे। जैसे -
१.  इस तरह कमीशन लेकर दिलवाये गए लोन के अपराध में आपने कितने कांग्रेस नेताओं को पकड़ा ? या आप भी उनसे हिस्से की बात कर रहे थे।
२. हरएक लोन का हर साल नवीनीकरण होता है। इस तरह दिलवाये गए कितने लोन का नवीनीकरण नहीं किया गया ये बात देश को बताइये।
३. अगर PNB के LOU फरवरी 2017 में जारी किये गए तो उनके लिए किसने फोन किया था उसका नाम देश को बताइये।
४. अरुण जेटली ने दावोस के लिए प्रधानमंत्री के साथ गए उद्योगपतियों के समूह के बारे में किये गए ट्वीट में नीरव मोदी का भी नाम है।  ये रिकार्ड की चीज है, तो अब बीजेपी और सरकार उससे इंकार क्यों कर रही है ?
५. RBI के पूर्व निदेशक ने कहा की बैंक का स्विफ्ट SWIFT सिस्टम और CBS सिस्टम finacal आपस में जुड़ा हुआ नहीं था जिसकी वजह से ये घोटाला सम्भव हो सका। सत्यम के केस में भी ठीक यही कहा गया था। फिर इतने दिन तक RBI किस चीज का इंतजार कर रहा था और उसके रैगुलेटर की जिम्मेदारी का क्या मतलब है। अगर उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है तो पुरे देश के आम आदमी का पैसा बैंको के कर्मचारियों के रहमोकरम पर है।
           ये कुछ सवाल हैं जिनका जवाब मौजूदा सरकार और बीजेपी को देना चाहिए और उसे देना होगा।

               इसके अलावा एक चीज देश की जनता को भी समझनी होगी। जिस तरह से ये सरकार अपनी हर विफलता की जिम्मेदारी पिछली कांग्रेसी सरकारों पर और पिछले 70 सालों पर डालती है उससे ये मौका भी आ सकता है। मन लीजिये किसी ताकतवर देश के साथ कोई युद्ध हो जाता है और उसमे देश को नुकशान उठाना पड़ता है तो सरकार का जवाब ये होगा -
               पिछली सरकारों ने अच्छे हथियार नहीं खरीदे, सैनिको को उचित प्रशिक्षण नहीं दिया गया और सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण नहीं हुआ इस लिए हम युद्ध में कामयाब नहीं हुए।
                देश ये सुनने के लिए तैयार रहे।

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