भारत में आजकल राजनीती में रोड शो का बहुत महत्व है। सही तरीके से कहा जाये तो कुछ लोगों की तो राजनीती चल ही रोड शो के कारण रही है। वैसे रोड शो सबसे आसान काम होता है। इसमें आपको केवल खड़े होकर हाथ हिलाना होता है। राजनीती में आने वाले ज्यादातर लोग वो होते हैं जिन्हे स्कूल में हाथ ऊपर करके खड़े रहने का खासा अभ्यास होता है। इसमें आयोजकों को भी आसानी रहती है। लोग अगर कम हों तो पहले वाले लोगों को आगे पहुंचाया जा सकता है। बाकी तो बस हाथ हिलाना है। न किसी मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट करनी होती है और न किसी सवाल का जवाब देना होता है। आप हाथ हिलाकर चले जाइये, बाकी का काम मीडिया कर देगा।
वैसे रोड शो का मतलब होता है रोड के ऊपर शो करना, या फिर रोड को ही शो करना। अभी उत्तर प्रदेश के चुनाव में अखिलेश एक तरफ रोड के ऊपर शो कर रहे थे और दूसरी तरफ आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे नाम के रोड को शो कर रहे थे। अब हमारे प्रधानमंत्री लगभग हररोज रोड के ऊपर शो करते रहते हैं। अगर वो दो चार दिन रोड शो न करें तो उनके हाथ में दर्द होने लगता है।
रोड के ऊपर होने वाले शो भी अलग अलग तरह से होने लगे हैं। कुछ दिन पहले तमिलनाडु के किसानो ने ठीक प्रधानमंत्री कार्यालय के सामने सारे कपड़े उतार कर शो कर दिया। परन्तु प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को ये शो पसंद नहीं आया इसलिए उनके शो को कोई देखने नहीं आया। इस तरह के शो पिछले दिनों सड़कों पर बहुत हुए हैं। जैसे कहीं किसान सड़क पर सब्जी डाल रहे हैं, कहीं दूध बिखेर रहे हैं। लेकिन किसानो के रोड शो भी कोई शो होते हैं ? मुझे लगता है किसी दिन किसान इकट्ठे होकर रोड पर सरकार के कपड़े उतारने का शो न कर दें।
लेकिन जिस तरह के प्रभावशाली शो करने की महारत हमारी पुलिस को है उसका कोई सानी नहीं है। उसका मुकाबला केवल सेना ही कर सकती है। अभी हाल ही में हमारी सेना ने कश्मीर में एक आदमी को जीप के आगे बांधकर बहुत ही कामयाब शो किया था। इस शो के बाद पूरी दुनिया को हमारी कश्मीर नीति की गहराई समझ में आ गयी। जो चीज दुनिया को पाकिस्तान लगातार गला फाड़कर नहीं समझा पा रहा था वो हमारी सेना के एक रोड शो ने समझा दिया। जबसे हमारे प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी ने इसराइल को अपना सबसे भरोसेमंद साथी घोषित किया है, हमारी सेना उसके विडिओ देखकर रणनीति बना रही है। कुछ दिन बाद दुनिया को ये फर्क करना मुश्किल हो जायेगा की अमुक रोड शो कश्मीर का है या फिलिस्तीन का।
हमारे यहां कुछ सांस्कृतिक किस्म के रोड शो भी होते हैं। इस तरह के रोड शो अभी योगी जी के आशीर्वाद से उत्तर प्रदेश की सड़कों पर हो रहे हैं। जिसमे कुछ ऐसे लोग, जिन्हे कोई शरीफ आदमी घर के अंदर बैठाना भी खतरनाक समझता है, मिलकर आजकल बेटियों को बचा रहे हैं। ये लड़कियों को गालियां देते हैं, उनके साथ रोड पर मारपीट करते हैं ताकि उन्हें बचाया जा सके। एक दो बार पिट जाएँगी तो अपने आप घर से बाहर निकलना बंद कर देंगी। ये एक आजमाया हुआ और कामयाब तरीका है जो इन्होने तालिबान से लिया है। तालिबान के साथ इनके वैचारिक और सांस्कृतिक संबंध हैं सो उसके आजमाए हुए तरीकों का इस्तेमाल करना इनका हक बनता है।
वैसे रोड शो का मतलब होता है रोड के ऊपर शो करना, या फिर रोड को ही शो करना। अभी उत्तर प्रदेश के चुनाव में अखिलेश एक तरफ रोड के ऊपर शो कर रहे थे और दूसरी तरफ आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे नाम के रोड को शो कर रहे थे। अब हमारे प्रधानमंत्री लगभग हररोज रोड के ऊपर शो करते रहते हैं। अगर वो दो चार दिन रोड शो न करें तो उनके हाथ में दर्द होने लगता है।
रोड के ऊपर होने वाले शो भी अलग अलग तरह से होने लगे हैं। कुछ दिन पहले तमिलनाडु के किसानो ने ठीक प्रधानमंत्री कार्यालय के सामने सारे कपड़े उतार कर शो कर दिया। परन्तु प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को ये शो पसंद नहीं आया इसलिए उनके शो को कोई देखने नहीं आया। इस तरह के शो पिछले दिनों सड़कों पर बहुत हुए हैं। जैसे कहीं किसान सड़क पर सब्जी डाल रहे हैं, कहीं दूध बिखेर रहे हैं। लेकिन किसानो के रोड शो भी कोई शो होते हैं ? मुझे लगता है किसी दिन किसान इकट्ठे होकर रोड पर सरकार के कपड़े उतारने का शो न कर दें।
लेकिन जिस तरह के प्रभावशाली शो करने की महारत हमारी पुलिस को है उसका कोई सानी नहीं है। उसका मुकाबला केवल सेना ही कर सकती है। अभी हाल ही में हमारी सेना ने कश्मीर में एक आदमी को जीप के आगे बांधकर बहुत ही कामयाब शो किया था। इस शो के बाद पूरी दुनिया को हमारी कश्मीर नीति की गहराई समझ में आ गयी। जो चीज दुनिया को पाकिस्तान लगातार गला फाड़कर नहीं समझा पा रहा था वो हमारी सेना के एक रोड शो ने समझा दिया। जबसे हमारे प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी ने इसराइल को अपना सबसे भरोसेमंद साथी घोषित किया है, हमारी सेना उसके विडिओ देखकर रणनीति बना रही है। कुछ दिन बाद दुनिया को ये फर्क करना मुश्किल हो जायेगा की अमुक रोड शो कश्मीर का है या फिलिस्तीन का।
हमारे यहां कुछ सांस्कृतिक किस्म के रोड शो भी होते हैं। इस तरह के रोड शो अभी योगी जी के आशीर्वाद से उत्तर प्रदेश की सड़कों पर हो रहे हैं। जिसमे कुछ ऐसे लोग, जिन्हे कोई शरीफ आदमी घर के अंदर बैठाना भी खतरनाक समझता है, मिलकर आजकल बेटियों को बचा रहे हैं। ये लड़कियों को गालियां देते हैं, उनके साथ रोड पर मारपीट करते हैं ताकि उन्हें बचाया जा सके। एक दो बार पिट जाएँगी तो अपने आप घर से बाहर निकलना बंद कर देंगी। ये एक आजमाया हुआ और कामयाब तरीका है जो इन्होने तालिबान से लिया है। तालिबान के साथ इनके वैचारिक और सांस्कृतिक संबंध हैं सो उसके आजमाए हुए तरीकों का इस्तेमाल करना इनका हक बनता है।
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