जिस दिन उर्जित पटेल ने संसदीय कमेटी के सामने ये कहा की अभी तक RBI को पता नहीं है की कितने नोट बैंको में जमा हुए हैं, और अभी तक नोटों की गिनती चल रही है , तो उनका ये बयान सुनकर मुहल्ले के चबूतरे पर बैठे लोगों का हँस हँस कर बुरा हाल हो गया। पता नहीं संसदीय समिति के सदस्यों का क्या हाल हुआ होगा। उसकी एक झलक तो समिति के सदस्य श्री दिग्विजय सिंह के उस सवाल से मिल सकती है जिसमे उसने श्री उर्जित पटेल से ये पूछा की मई 2019 तक तो RBI बता देगा न की कितना पैसा जमा हुआ है ?
उस दिन चबूतरे पर एक भक्त भी बैठा हुआ था और उसकी समझ में नहीं आ रहा था की आखिर इस बात पर लोग हँस क्यों रहे हैं। उसने ये कहा भी की इसमें उर्जित पटेल ने क्या गलत कह दिया , और की वो नोट गिनकर बता देगा। इस पर लोगों को एक बार हँसी का दौरा पड़ गया।
आज वो भक्त मेरे पास आया और बोला की उसे पचास हजार रुपयों की जरूरत है और मैं उसे ये रुपया उधार दे दूँ।
लेकिन मैं तो घर पर इतना रुपया नहीं रखता। मैंने कहा।
कोई बात नहीं , आप मुझे चैक दे दीजिये। आपके बैंक खाते में तो रुपया होगा ही। उसने कहा।
मैं आपको चैक नहीं दे सकता। क्योंकि मुझे पता नहीं है की मेरे खाते में और बैंक में रुपया है की नहीं है। मैंने जवाब दिया।
कमाल करते हो भाई साहब, आपके खाते में जो रुपया होगा वो तो आपकी पास बुक में जमा होगा ? उसने एतराज जताया।
लेकिन बैंक में कितना रुपया है और उसमे मेरा कितना है ये तो गिनने के बाद ही पता चलेगा ? मैंने जवाब दिया।
आप अजीब आदमी हैं। आपने बैंक में जो रुपया जमा करवाया होगा वो तो बैंक ने गिनकर ही लिया होगा और उसके हिसाब से ही आपके खाते में जमा किया होगा ? उसने फिर नाराजगी दिखाई।
भाई साहब, अब तक तो मैं भी यही समझता था। और ये भी समझता था की बैंक जो पैसा RBI में जमा करवाते हैं, RBI उसे गिनकर ही लेती है और उसके हिसाब से ही बैंक के खाते में जमा करती है। लेकिन पिछले आठ महीनो से सरकार और RBI , दोनों कह रहे हैं की उन्हें पता नहीं है की कितना पैसा जमा हुआ है और उसकी गिनती चल रही है। आपने उर्जित पटेल का बयान नहीं सुना ? मुझे लगता है की पहले वो RBI का पैसा गिनेंगे, फिर सभी बैंको का गिनेंगे, फिर उसे खातों से मिलाएंगे और उसके बाद मुझे पता चलेगा की मेरा कितना पैसा है। आप एक काम कीजिये, गिनती पूरी होने के बाद आइये और चैक ले जाइये।
उस दिन चबूतरे पर एक भक्त भी बैठा हुआ था और उसकी समझ में नहीं आ रहा था की आखिर इस बात पर लोग हँस क्यों रहे हैं। उसने ये कहा भी की इसमें उर्जित पटेल ने क्या गलत कह दिया , और की वो नोट गिनकर बता देगा। इस पर लोगों को एक बार हँसी का दौरा पड़ गया।
आज वो भक्त मेरे पास आया और बोला की उसे पचास हजार रुपयों की जरूरत है और मैं उसे ये रुपया उधार दे दूँ।
लेकिन मैं तो घर पर इतना रुपया नहीं रखता। मैंने कहा।
कोई बात नहीं , आप मुझे चैक दे दीजिये। आपके बैंक खाते में तो रुपया होगा ही। उसने कहा।
मैं आपको चैक नहीं दे सकता। क्योंकि मुझे पता नहीं है की मेरे खाते में और बैंक में रुपया है की नहीं है। मैंने जवाब दिया।
कमाल करते हो भाई साहब, आपके खाते में जो रुपया होगा वो तो आपकी पास बुक में जमा होगा ? उसने एतराज जताया।
लेकिन बैंक में कितना रुपया है और उसमे मेरा कितना है ये तो गिनने के बाद ही पता चलेगा ? मैंने जवाब दिया।
आप अजीब आदमी हैं। आपने बैंक में जो रुपया जमा करवाया होगा वो तो बैंक ने गिनकर ही लिया होगा और उसके हिसाब से ही आपके खाते में जमा किया होगा ? उसने फिर नाराजगी दिखाई।
भाई साहब, अब तक तो मैं भी यही समझता था। और ये भी समझता था की बैंक जो पैसा RBI में जमा करवाते हैं, RBI उसे गिनकर ही लेती है और उसके हिसाब से ही बैंक के खाते में जमा करती है। लेकिन पिछले आठ महीनो से सरकार और RBI , दोनों कह रहे हैं की उन्हें पता नहीं है की कितना पैसा जमा हुआ है और उसकी गिनती चल रही है। आपने उर्जित पटेल का बयान नहीं सुना ? मुझे लगता है की पहले वो RBI का पैसा गिनेंगे, फिर सभी बैंको का गिनेंगे, फिर उसे खातों से मिलाएंगे और उसके बाद मुझे पता चलेगा की मेरा कितना पैसा है। आप एक काम कीजिये, गिनती पूरी होने के बाद आइये और चैक ले जाइये।
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