सरकार बदलने के बाद एक मशहूर लेखिका ने सरकार के समर्थन में लिखने का व्यवसाय चुना। जो भी कोई सरकार की आलोचना करता तो वह अपने लेख में उसको झिड़क देती। एक समय लोगों ने कहा की तानाशाही बढ़ रही है और असहिष्णुता का वातावरण है तो उसने ऐसा कहने वालों को जोरदार फटकार लगाई और मौजूदा निजाम को इतिहास का सबसे सहनशील और लोकतान्त्रिक निजाम बताया। इस लेखिका का एक बेटा विदेश में रहता था। एक दिन उसने इस निजाम पर एक सख्त टिप्पणी कर दी। निजाम ने तुरंत उसकी नागरिकता वापिस ले ली और उसे दुश्मन देश का नागरिक घोषित कर दिया। घबराई हुई लेखिका ने उन सब लोगों को फोन करके मदद मांगी जो रोज उसे फोन करके उसके लेखों पर बधाई देते थे और तारीफ करते थे। लेकिन किसी ने भी उसका फोन नहीं उठाया।
जब उसने इसका कारण पता किया तो मालूम हुआ की जिस तरह उसने इस निजाम के समर्थन में लिखने का व्यवसाय चुना था उसी तरह उन लोगों ने भी सरकार के समर्थन में लिखने वालों की तारीफ करने का व्यवसाय चुना था।
ये किस्सा आप हिटलर युग के किस्सों पर छपी हुई किताब के अगले संस्करण में पढ़ सकते हैं।
जब उसने इसका कारण पता किया तो मालूम हुआ की जिस तरह उसने इस निजाम के समर्थन में लिखने का व्यवसाय चुना था उसी तरह उन लोगों ने भी सरकार के समर्थन में लिखने वालों की तारीफ करने का व्यवसाय चुना था।
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