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Wednesday, July 26, 2017

भारतीय टीवी चैनल पर बहस का नमूना

                     दोपहर के 12 बजे हैं। एक भारतीय राष्ट्रवादी टीवी चैनल पर एंकर एक बहस का  आयोजन कर रहा है। स्टूडियो में तीन लोग बैठे हैं एक सरकारी पार्टी यानि बीजेपी के प्रवक्ता, दूसरे कांग्रेस के प्रवक्ता और एक विशेषज्ञ। बहस का विषय है की क्या अब रात है या दिन। अब इसका वर्णन  प्रकार है।
एंकर --
                 सबसे पहले मैं बीजेपी के प्रवक्ता से पूछना चाहता हूँ की प्रधानमंत्री ने अभी अभी कहा है की इस समय  आधी रात  है। इस पर आपका क्या कहना है ?
बीजेपी प्रवक्ता --
                          देखिये जब प्रधानमंत्री जी ने कहा है तो निश्चित रूप से आधी रात ही है। इस पर सवाल उठाने की गुंजाइश कहां है। प्रधानमत्री जी दुनिया के सबसे बड़े नेता हैं।
एंकर --
                    अब मैं काँग्रेस के प्रवक्ता से पूछना चाहता हूँ की वो इस पर सवाल क्यों उठा रहे हैं ? जब उनकी सरकार तब उन्होंने तो देश को कभी बताया नहीं की अभी दिन है या रात।
काँग्रेस प्रवक्ता --
                         इसमें सवाल उठाने की क्या बात है। दोपहर के 12 बजे हैं ,सूरज सर पर है और आप कह रहे हैं की आधी रात है।
एंकर --
             लेकिन जब सरकार कह रही है तो विपक्ष को कम से कम राष्ट्रीय सवालों पर तो सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए। आप इस मुददे पर भी राजनीति कर रहे हैं ?
बीजेपी प्रवक्ता --
                           काँग्रेस हमेशा से राष्ट्रीय सवालों पर राजनीती करती रही है। इसीलिए जनता ने इन्हे 44 के आंकड़े पर पहुंचा दिया।
एंकर --
               हमारे स्टूडियो में एक निष्पक्ष विशेषज्ञ भी मौजूद हैं। मैं उनसे पूछना चाहूंगा की अभी रात है या दिन इस पर उनका क्या कहना है ?
विशेषज्ञ --
                 देखिये ये एक वैज्ञानिक सवाल है। मेरी घड़ी में 12 PM का समय लिखा हुआ है। और PM से जो संकेत मिलता है वो तो रात की तरफ ही इशारा करता है। फिर भी इस पर हमे इसरो के बयान का इंतजार करना चाहिए और विपक्ष को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
बीजेपी प्रवक्ता --
                           हमने अभी अभी अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प से फोन पर बात की है। उन्होंने भी कहा है की अभी आधी रात है और वो अभी शयनकक्ष में हैं। हमारे प्रधानमंत्री जी का समर्थन अमेरिका सहित दुनिया के सारे देश कर रहे हैं लेकिन काँग्रेस को तो केवल राजनीति करनी है।
एंकर --
                मैं काँग्रेस के प्रवक्ता से ये पूछना चाहता हूँ की रात और दिन में कुछ बुनियादी फर्क होते हैं। वो किस आधार पर कह रहे हैं की अभी दिन है ?
कांग्रेस प्रवक्ता --
                            इसका सबसे मुख्य आधार ---
( बीजेपी प्रवक्ता उसकी बात बीच में काटकर )  ये तो आधार कार्ड का भी विरोध कर रहे हैं , ये क्या आधार की बात करेंगे। आधार के सवाल पर ये प्राइवेसी का सवाल उठाना शुरू कर देते हैं। अब आधी रात को इस पर बहस करने में क्या प्राइवेसीका उललंघन नहीं होता।
एंकर --
                ठीक है अगर आपके पास कोई ठोस आधार नहीं है तो कम से कम आपको प्रधानमंत्रीजी के इस बयान का विरोध नहीं करना चाहिए। कम से कम अमेरिकी राष्ट्रपति का जवाब आ जाने के बाद तो बिलकुल नहीं। वरना पूरी दुनिया में ये संदेश जायेगा की हमारे अन्दर राष्ट्रीय सवालों पर भी एकता नहीं है।
काँग्रेस प्रवक्ता --
                          लेकिन मैं इसका जवाब ---
( विशेषज्ञ, उसकी बात बीच में काटकर ) काँग्रेस के लोगों को  अपनी बातों को भी याद रखना चाहिए। जब 15 अगस्त 1947 को संसद में आजादी की घोषणा करते हुए जवाहरलाल नेहरू ने उस समय को आधी रात कहा था तब विपक्ष ने उसका विरोध नहीं किया था। इन्होने तो GST की घोषणा करने के लिए संसद में हुए समारोह का बायकाट किया क्योंकि प्रधानमंत्री मोदीजी ने उसे आधी रात कहा था। ये काँग्रेस की हार से पैदा हुई निराशा है की  प्रधानमंत्री मोदीजी की किसी भी बात का समर्थन नहीं कर सकती।
एंकर --
                 तो आज की बहस से ये साफ होता है की कांग्रेस के पास इस बात का कोई तर्क नहीं है और वो केवल राजनीती कर रही है।