Sunday, May 17, 2015

दिल्ली सरकार और गवर्नर का विवाद

खबरी -- आजकल दिल्ली सरकार और गवर्नर के विवाद की बड़ी चर्चा है, बीजेपी और कांग्रेस दोनों केजरीवाल को लताड़ रही हैं। 


गप्पी -- जब राज्य में बीजेपी सरकार में होती है और केंद्र में दूसरी पार्टी की सरकार होती है तो बीजेपी राज्यपाल को केंद्र का दलाल कहती है, जब केंद्र में बीजेपी की सरकार होती है तो राज्यपाल को संवैधानिक मुखिया कहती है।  जब केजरीवाल दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्जे की बात करते हैं तो बीजेपी और कांग्रेस दिल्ली सरकार के पास काम करने के पूरे अधिकार बताते हैं और जब अधिकारों का टकराव होता है तो कहते हैं की सारे  अधिकार गवर्नर के पास है, अगर दिल्ली सरकार के पास कोई अधिकार ही नही है तो उसे वायदे पूरे नही करने का दोष क्यों देते हो।  केजरीवाल में गलतियां हो सकती हैं, परन्तु इस विवाद से कांग्रेस बीजेपी का दोगलापन तो साबित हो ही गया है।

                    दिल्ली की नवनियुक्त अधिकारी शंकुन्तला गैमलिन पर बिजली कम्पनियों से मिले होने के केजरीवाल के बयान पर ग्रह राज्य मंत्री किरण रिजीजू का ये बयान की उन्हें उत्तर-पूर्व का होने के कारण बदनाम किया जा रहा है, निहायत घटिया और गैरजिम्मेदाराना है।  क्या मंत्री महोदय बताएंगे की उन्होंने एक साल में उत्तर-पूर्व के लोगों के लिए क्या किया है।  अरुणाचल का होने के कारण प्रधानमंत्री उन्हें चीन यात्रा पर नही ले गए, और अरुणाचल के बगैर भारत का नक्शा छापने पर एक शब्द नही बोले , अगर यह काम किसी दूसरी पार्टी के प्रधानमंत्री ने किया होता तो बीजेपी और आरएसएस ने आसमान सर पर उठा लिया होता।

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.