खबरी -- दिल्ली के उपराज्यपाल लगातार दिल्ली सरकार द्वारा की गयी नियुक्तियां रद्द कर रहे हैं , क्या उन्हें इसका अधिकार है?
गप्पी -- सवाल अधिकार का नही बल्कि जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के सम्मान का है। उपराज्यपाल की पीठ पर बैठी बीजेपी को तो शायद ये भी याद नही होगा की उसने कभी दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग भी की थी। अगर बीजेपी का शासन है तो पूर्ण राज्य चाहिए, दूसरे दल की सरकार है तो सारे अधिकार गवर्नर को। जिस जनता ने ये सरकार चुनी है क्या उसको बीजेपी केवल तालियां बजाने वाला झुण्ड समझती है।
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