किसी ने मुझे बताया की मोदीजी कालाधन ढूंढ रहे हैं। मुझे बड़ी हैरानी हुई। जो चीज सामने पड़ी हो उसे ढूंढने की क्या जरूरत है, बस आँखे खोलो और देख लो। फिर उसने बताया की पुरे देश में फोन नम्बर और ईमेल बांटे गए हैं की अगर किसी को कहीं भी कालेधन का पता चले तो इन पर सुचना दे। मुझे बड़ी हँसी आयी। हमारे देश के नेता लोगों को कैसे कैसे मूर्ख बनाते हैं। फिर सोचा की चलो कुछ कालेधन के बारे में मैं भी बता देता हूँ, क्या पता सरकार को सचमुच नही मालूम हो। इसलिए मैंने कालेधन के दो एक सबसे बड़े ठिकाने बताने का फैसला किया। इसलिए ये पोस्ट लिखी गयी।
राजनैतिक पार्टियों का चंदा --
तो मोदीजी कालेधन का सबसे बड़ा पार्क राजनैतिक पार्टियों का चंदा है। उन पर इनकम टैक्स तो है नही, उल्टा ये छूट भी है की 20000 रूपये से कम के चंदे पर उनको ये नही बताना पड़ता की ये किसने दिया है। इस तरह ये पार्टियां कालेधन में मिले इस करोड़ों के चंदे को 20000 से छोटी रकम में जमा कर देती हैं और सारे क़ानूनी पचड़ों से बाहर हो जाती हैं। और सबसे खास बात ये है की इस तरह का सबसे ज्यादा चंदा आपकी पार्टी को मिलता है। जब भी इस कानून को बदलने की बात आती है तो आप वही बहाने बनाते हैं जो महिला आरक्षण बिल पर बनाते हैं। आप ये कभी नही कर सकते क्योंकि इससे सबसे ज्यादा नुकसान आपको और आपकी पार्टी को होगा।
इस मामले में आप और आपकी सरकार कितनी ईमानदार है उसका सबसे बड़ा सबूत विदेशी चंदे का मामला है। आपकी पार्टी और कांग्रेस पर इस तरह से गैर क़ानूनी विदेशी चंदा लेने का आरोप लगा। मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में गया जिसने दोनों पार्टियों को दोषी पाया। उसके बाद आप लोग ये मामला सुप्रीम कोर्ट में ले गए। और इससे पहले की सुप्रीम कोर्ट इस पर कोई फैसला सुनाये, आपकी सरकार ने कानून बदल कर विदेशी चन्दे को क़ानूनी बना दिया और वो भी पिछली तारीख से। लेकिन लोग हैं की फिर भी कहते फिर रहे हैं की आप कालाधन ढूंढ रहे हैं।
शेयर बाजार में लगा कालाधन ----
कालेधन का दूसरा सबसे बड़ा मामला शेयर मार्किट में लगे धन का है। ये उसी शेयर मार्केट की बात है जिसको अगर छींक भी आ जाती है तो तुरन्त वित्त मंत्री को नँगे पैर दौड़ कर आना पड़ता है सफाई देने के लिए। शेयर मार्केट को सम्भाले रखने के लिए वित्त मंत्रालय जितनी तेजी दिखाता है काश उससे आधी भी हमारा डिजास्टर मैनेजमेंट दिखा पाता। शेयर मार्केट में दाऊद और दूसरे हवाला कारोबारियों और आतंकवादियों का पैसा लगा हुआ है, इसके बारे में जानकार बार बार सवाल उठाते रहे हैं। आपको भी मालूम है की शेयर बाजार में P - Notes के माध्यम से लगे पैसे को ये छूट प्राप्त है की वो लाखों करोड़ रुपया असल में किसका है, ये बताना जरूरी नही है। पूरी दुनिया के जानकर ये मानते हैं की P - Notes के माध्यम से लगा पैसा आमतौर पर गैर क़ानूनी संगठनों का होता है। किसी भी ईमानदार आदमी को या संस्था को P - Notes का सहारा लेने की कोई जरूरत नही होती। लेकिन आपकी सरकार ने इसकी इजाजत दे रखी है।
What is P-Notes ? P - Notes के बारे में जाने।
इस कालेधन को पकड़ने और मार्किट से बाहर करने तो दूर, आप उनसे टैक्स तक नही ले सकते। क्या आप देश की जनता को ये बताएंगे की एक साल तक शेयर अपने पास रखने वाला व्यापारी पूरी तरह से करमुक्त है जबकि सेना के जवान को भी एक आय के बाद टैक्स देना पड़ता है।
इसलिए मुझे इस अफवाह पर कोई भरोसा नही है की आप कालाधन ढूंढ रहे हैं। असल में आप वोट ढूंढ रहे हैं, जिनका मिलना अब दिन प्रतिदिन ज्यादा मुश्किल होता जा रहा है। खैर अगर आप सचमुच में कालाधन ढूंढ रहे हैं तो आप इन दो सबसे बड़े ढेरों पर कार्यवाही करें, उसके बाद हम आपको दूसरे सामने दिखाई देने वाले स्रोत बता देंगे।
राजनैतिक पार्टियों का चंदा --
तो मोदीजी कालेधन का सबसे बड़ा पार्क राजनैतिक पार्टियों का चंदा है। उन पर इनकम टैक्स तो है नही, उल्टा ये छूट भी है की 20000 रूपये से कम के चंदे पर उनको ये नही बताना पड़ता की ये किसने दिया है। इस तरह ये पार्टियां कालेधन में मिले इस करोड़ों के चंदे को 20000 से छोटी रकम में जमा कर देती हैं और सारे क़ानूनी पचड़ों से बाहर हो जाती हैं। और सबसे खास बात ये है की इस तरह का सबसे ज्यादा चंदा आपकी पार्टी को मिलता है। जब भी इस कानून को बदलने की बात आती है तो आप वही बहाने बनाते हैं जो महिला आरक्षण बिल पर बनाते हैं। आप ये कभी नही कर सकते क्योंकि इससे सबसे ज्यादा नुकसान आपको और आपकी पार्टी को होगा।
इस मामले में आप और आपकी सरकार कितनी ईमानदार है उसका सबसे बड़ा सबूत विदेशी चंदे का मामला है। आपकी पार्टी और कांग्रेस पर इस तरह से गैर क़ानूनी विदेशी चंदा लेने का आरोप लगा। मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में गया जिसने दोनों पार्टियों को दोषी पाया। उसके बाद आप लोग ये मामला सुप्रीम कोर्ट में ले गए। और इससे पहले की सुप्रीम कोर्ट इस पर कोई फैसला सुनाये, आपकी सरकार ने कानून बदल कर विदेशी चन्दे को क़ानूनी बना दिया और वो भी पिछली तारीख से। लेकिन लोग हैं की फिर भी कहते फिर रहे हैं की आप कालाधन ढूंढ रहे हैं।
शेयर बाजार में लगा कालाधन ----
कालेधन का दूसरा सबसे बड़ा मामला शेयर मार्किट में लगे धन का है। ये उसी शेयर मार्केट की बात है जिसको अगर छींक भी आ जाती है तो तुरन्त वित्त मंत्री को नँगे पैर दौड़ कर आना पड़ता है सफाई देने के लिए। शेयर मार्केट को सम्भाले रखने के लिए वित्त मंत्रालय जितनी तेजी दिखाता है काश उससे आधी भी हमारा डिजास्टर मैनेजमेंट दिखा पाता। शेयर मार्केट में दाऊद और दूसरे हवाला कारोबारियों और आतंकवादियों का पैसा लगा हुआ है, इसके बारे में जानकार बार बार सवाल उठाते रहे हैं। आपको भी मालूम है की शेयर बाजार में P - Notes के माध्यम से लगे पैसे को ये छूट प्राप्त है की वो लाखों करोड़ रुपया असल में किसका है, ये बताना जरूरी नही है। पूरी दुनिया के जानकर ये मानते हैं की P - Notes के माध्यम से लगा पैसा आमतौर पर गैर क़ानूनी संगठनों का होता है। किसी भी ईमानदार आदमी को या संस्था को P - Notes का सहारा लेने की कोई जरूरत नही होती। लेकिन आपकी सरकार ने इसकी इजाजत दे रखी है।
What is P-Notes ? P - Notes के बारे में जाने।
इस कालेधन को पकड़ने और मार्किट से बाहर करने तो दूर, आप उनसे टैक्स तक नही ले सकते। क्या आप देश की जनता को ये बताएंगे की एक साल तक शेयर अपने पास रखने वाला व्यापारी पूरी तरह से करमुक्त है जबकि सेना के जवान को भी एक आय के बाद टैक्स देना पड़ता है।
इसलिए मुझे इस अफवाह पर कोई भरोसा नही है की आप कालाधन ढूंढ रहे हैं। असल में आप वोट ढूंढ रहे हैं, जिनका मिलना अब दिन प्रतिदिन ज्यादा मुश्किल होता जा रहा है। खैर अगर आप सचमुच में कालाधन ढूंढ रहे हैं तो आप इन दो सबसे बड़े ढेरों पर कार्यवाही करें, उसके बाद हम आपको दूसरे सामने दिखाई देने वाले स्रोत बता देंगे।
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