सरकार ने नोटबन्दी के बाद लोगों को इसके लिए मजबूर किया की वो अपने खर्चे चलाने के लिए नकद की बजाय डिज़िटल पेमेन्ट करें। उसके बाद डिज़िटल पेमेन्ट का प्लेटफार्म उपलब्ध करवाने वाली कम्पनियों ने इसका इस्तेमाल करने वालों पर कई तरह के चार्ज लगा दिए। उसके बाद अब बैंको ने भी छोटे ग्राहकों पर बैंक से लेनदेन करने पर कई तरह के चार्ज लगाने की घोषणा कर दी। बैंको में सामान्य आदमी जो सेविंग खाता रखता है और जो कर्मचारी सैलरी खाता रखते हैं, ये नए चार्ज उन पर लागू होंगे। एक तरफ सरकार ने कानून बना कर सैलरी को केवल बैंक में ट्रांसफर करने का आदेश जारी कर दिया और दूसरी तरफ बैंको ने उन खातों पर चार्ज लगाने की घोषणा कर दी। दूसरी तरफ सरकार ने आम आदमी को मिलने वाली हर तरह की सब्सिडी और सहायता के लिए बैंक खाता होने की शर्त लगा दी और बैंको ने उन पर चार्ज लगा दिया।
बड़े कॉरपोरेट घरानों द्वारा कर्जा न चुकाने के चलते बैंको को जो घाटा हो रहा है उसे पूरा करने के लिए उन्हें आम आदमी की जेब काटने की छूट दे दी गयी। पहले तेल कम्पनियों को, उसके बाद रेल मंत्रालय को और बैंको को ये छूट मुहैया करवा दी गयी है। गरीबों के लिए काम करने वाली सरकार के फैसले हैं।
इसलिए लोगों को अब थोड़ा ध्यान से लेन देन करने की जरूरत है। बैंको ने ये चार्ज दो तरह से लगाए हैं।
१. बैंक में बचत खाता और सैलरी खाता धारकों को अब खाते में मिनिमम बैलेंस न रखने पर चार्ज लगेगा।
२. बैंक से पैसे निकालने, पैसे जमा करवाने और एटीएम इस्तेमाल करने पर चार्ज लगेगा।
इससे बचने के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखने की जरूरत है। जैसे -
१. सैलरी खाता धारक अपने खाते से सीधे कटने वाली होमलोन या व्हीकल लोन इत्यादि की किस्तों और दूसरी सीधी पेमेन्ट होने वाली रकम को छोड़कर बाकी पैसा एक ही बार में बैंक से निकाल लें। इस पैसे को घर पर रखें और बाकी महीने का खर्च चलायें। ये पैसा सीधे बैंक से चैक के द्वारा निकालें, क्योंकि एटीएम की लिमिट कम होती है और उससे एक बार में सारा पैसा नही निकाला जा सकता है।
२. बचत खाता धारक अपने बैंक खाते का कम से कम उपयोग करें। उसमे बार बार पैसे जमा करवाने और निकालने से बचें।
३. नकद की बजाय डिज़िटल पेमेंट करने पर आपको कभी भी किसी न किसी तरह का चार्ज लग सकता है। इसलिए छोटे लेनदेन के लिए नकदी का इस्तेमाल करें और बड़े लेनदेन के लिए चैक का इस्तेमाल करें।
बड़े कॉरपोरेट घरानों द्वारा कर्जा न चुकाने के चलते बैंको को जो घाटा हो रहा है उसे पूरा करने के लिए उन्हें आम आदमी की जेब काटने की छूट दे दी गयी। पहले तेल कम्पनियों को, उसके बाद रेल मंत्रालय को और बैंको को ये छूट मुहैया करवा दी गयी है। गरीबों के लिए काम करने वाली सरकार के फैसले हैं।
इसलिए लोगों को अब थोड़ा ध्यान से लेन देन करने की जरूरत है। बैंको ने ये चार्ज दो तरह से लगाए हैं।
१. बैंक में बचत खाता और सैलरी खाता धारकों को अब खाते में मिनिमम बैलेंस न रखने पर चार्ज लगेगा।
२. बैंक से पैसे निकालने, पैसे जमा करवाने और एटीएम इस्तेमाल करने पर चार्ज लगेगा।
इससे बचने के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखने की जरूरत है। जैसे -
१. सैलरी खाता धारक अपने खाते से सीधे कटने वाली होमलोन या व्हीकल लोन इत्यादि की किस्तों और दूसरी सीधी पेमेन्ट होने वाली रकम को छोड़कर बाकी पैसा एक ही बार में बैंक से निकाल लें। इस पैसे को घर पर रखें और बाकी महीने का खर्च चलायें। ये पैसा सीधे बैंक से चैक के द्वारा निकालें, क्योंकि एटीएम की लिमिट कम होती है और उससे एक बार में सारा पैसा नही निकाला जा सकता है।
२. बचत खाता धारक अपने बैंक खाते का कम से कम उपयोग करें। उसमे बार बार पैसे जमा करवाने और निकालने से बचें।
३. नकद की बजाय डिज़िटल पेमेंट करने पर आपको कभी भी किसी न किसी तरह का चार्ज लग सकता है। इसलिए छोटे लेनदेन के लिए नकदी का इस्तेमाल करें और बड़े लेनदेन के लिए चैक का इस्तेमाल करें।
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