Sunday, May 31, 2015

मन की बात पर गदगद ह्रदय

खबरी -- क्या तुमने प्रधानमंत्री की मन की बात सुनी ?


गप्पी -- हाँ , मैंने न केवल प्रधानमंत्री द्वारा बताई गयी मन की बात (क्योंकि सारी  मन की बातें थोड़ा न बताई जाती हैं ) सुनी बल्कि टीवी चैनलों में उस पर गदगद होने वाले ह्रदयों को भी देखा-सुना।  एक बार मुझे ऐसा भी लगा की मैं किसी बाबा का प्रवचन सुन रहा हूँ और प्रवचन की ही तरह लोगों को, जो मीडिया चैनलों द्वारा दिखाए गए, झूमते हुए भी देखा। 

           एक ओरत इस बात पर गदगद थी की प्रधानमंत्री ने कहा की एग्जाम में फेल हो जाने वाले बच्चों को निराश नही होना चाहिए बल्कि फिर से प्रयास  करना चाहिए।  कितनी अच्छी बात कही  है और अब तक किसी ने ये बात क्यों नही कही। अब तक देश को मालूम ही नही था की फेल हो जाने वालों को निराश होने बजाए दुबारा प्रयास करना चाहिए। बधाई हो, हमने एक छिपा हुआ दुनियावी सत्य खोज लिया। 

           एक दूसरी ओरत इस बात पर गदगद थी की प्रधानमंत्री ने पक्षियों के लिए पानी रखने की बात कही।  कैसे महान नेता हैं हमारे जो पक्षियों की भी चिंता करते हैं। मीडिया चैनल पूरी निष्ठां से अपना काम कर रहे थे। किसी ने भी ये नही पूछा की प्रधानमंत्री अधिकारीयों और नगरपालिकाओं को ये क्यों नही कहते की इस भीषण गर्मी में लोगों तक पीने  का पानी पहुंचाएं। और की सरकार किसी भी हालत में लोगों को प्यास  से नही मरने देगी।  लेकिन आदमी इस देश में हमेशा पशु-पक्षियों से नीचे की हैसियत रखता है। एक गाय को बचाने के लिए हजार आदमियों का कत्ल हो सकता है। गर्मी से 2500 आदमी मर गए परन्तु उस पर प्रधानमंत्री ने एक शब्द नही कहा। 

               तीसरी बात जो उसमे कही  गयी वो भूतपूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक-वन पैंशन  के बारे में थी।  प्रधानमंत्री ने कहा की जब वो इसे लागु करने का वायदा कर रहे थे और उस समय की सरकार को कोस रहे थे उस समय उन्हें मालूम ही नही था की मामला कितना पेचीदा है। और उन्होंने इसे लागु करने का अपना वायदा दोहराया। इस पर एक अजीब घटना हुई।  एक चैनल ने दो रिटायर अफसरों को दिखाया , जिसमे एक ने कहा की प्रधानमंत्री के ये कहने पर उसका सीना चौड़ा हो गया , मैंने मन की बात में  कही गई बात को कई बार सुना परन्तु मुझे इसमें सीना चौड़ा होने वाली कोई बात नजर नही आई। आखिर में मैंने अपनी अल्पबुद्धि को स्वीकार कर लिया।  दूसरे एक रिटायर अधिकारी ने बहुत महत्वपूर्ण बात कही।  उन्होंने कहा की उनको भी कम पैंशन  मिलती है परन्तु इसका मतलब ये नही है की इस पर हल्ला मचाया जाये। उसके बाद उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों के संगठन द्वारा इस मांग पर प्रदर्शन करने के फैसले पर कहा की हम सड़क पर उतरें क्या हम गुण्डे हैं? यही वो बात थी जो मीडिया चैनलों और हमारे प्रधानमंत्री को भी बहुत पसंद आई होगी। क्योंकि दोनों का ये मानना है की अपनी मांगों को लेकर सड़क पर प्रदर्शन करना गुण्डे-मवालियों का काम है। हमारे टीवी चैनल और सरकार मिल कर लोकतंत्र की एक नई परिभाषा गढ़ रहे हैं।

             

Saturday, May 30, 2015

दुनिया हमारी तरफ देख रही है

खबरी -- प्रधानमंत्री ने कहा है की दुनिया हमारी तरफ देख रही है। 


गप्पी -- दुनिया किसी की तरफ क्यों देखती है , या तो आदमी बहुत ही अजीब हो या नंगा हो। बहुत वैभवशाली होने पर भी देख  सकती है परन्तु वो कारण तो हमारे ऊपर लागु नही होता।  बाकि बचे दोनों कारणों में से कोनसा कारण है की दुनिया हमारी तरफ देख  रही है। अभी एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन की रिपोर्ट आई की दुनिया में सबसे ज्यादा भूखे भारत में हैं। हमने इस पर एतराज नही किया बल्कि उसका रास्ता निकाला की गर्मी के कारण 2500 लोगों को मर जाने दिया। कुछ भूखे कम हो गए , देश की छवि खराब कर रहे थे। भूखों को कम करने का दूसरा उपाय हमने ये किया की राशन में मिलने वाले अनाज में कटौती कर दी, उसका असर भी दिखने लगा है की छत्तीसगढ़ में मरने वाले एक आदमी का जब पोस्टमार्टम किया गया तो पाया की उसके पेट में अन्न का एक दाना भी नही था।  मतलब सरकार की पॉलिसी काम कर रही है। बहुत नही तो साल में 50 -40 हजार भूखे कम हो सकते हैं। उसके बाद हमने निशानदेही की कि ये भूखे और क्या-क्या इस्तेमाल करते हैं। पता चला की सरकारी हस्पताल का इस्तेमाल करते हैं, हमने तुरंत स्वास्थ्य बजट में 20% की कटौती कर दी, अगर इसी दर से कटौती करते रहे तो 5 साल की जब हमारी टर्म पूरी होगी, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक पैसा नही बचेगा। इसी तरह जब हमे पता चला की मनरेगा का इस्तेमाल भी ज्यादातर ये भुख्खड़ करते हैं तो हमने उसमे भी कटौती कर दी। हमारा इरादा तो उसे बिलकुल बंद करने का था, अब हम उसके लिए जनमत बना रहे हैं, हमारे भाड़े के विशेषज्ञ टीवी चैनलों पर इसके खिलाफ 24 घण्टे लगे हुए हैं। हम दूसरे क्षेत्रो की भी पहचान कर रहे हैं।  प्रधानमंत्री ने कहा भी है की " गरीबों के बारे में कोई भी सुझाव मानने को सरकार तैयार है."

इसलिए जब तक भूखे-नंगों की संख्या कम नही हो जाती, जब भी दुनिया हमारी तरफ देखे तुरंत उकडू बैठ जाओ , अभी तो नंगापन छिपाने का यही एक तरीका अपने पास है।

Cabinet Issues Land Ordinance For The Third Time- कैबिनेट ने तीसरी बार भूमि बिल पर अध्यादेश जारी किया

खबरी -- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है की भूमि बिल उनके लिए जीवन-मरण का सवाल नही है। 

 गप्पी -- भूमि बिल जीवन-मरण का सवाल तो किसानो के लिए है।

Thursday, May 28, 2015

Rahul Gandhi's remark on Modi-Manmohan Meet- मोदी और मनमोहन की मीटिंग पर राहुल का निशाना

खबरी -- राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मनमोहन सिंह से अर्थनीति सीखने का मजाक उड़ाया। 


गप्पी -- राहुल गांधी ने मजाक इसलिए उड़ाया की ये मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियां ही थी जिन्होंने पिछले सालों में देश का बेड़ागर्क किया है।

Tuesday, May 26, 2015

One year of Modi Government Review - मोदी सरकार के एक साल का लेखाजोखा

खबरी -- मोदी सरकार के एक साल पूरा होने पर तुम्हारा क्या विश्लेषण है। 


गप्पी -- सीधी बात है की मोदी सरकार ने पिछले एक साल में उन सब बिलों को पास करवा दिया ( बीमा बिल, सीमा बिल , खनिज बिल ) जो उसने पिछले पांच साल में पास नही होने दिए , उन सब बिलों को जो उसने साथ मिलकर पास करवाये थे ( भूमि अधिग्रहण बिल ) बदलना शुरू कर दिया और जिन कामों में उसने UPA सरकार पर देरी करने का या लटकाने आरोप लगाया था ( लोकपाल और विदेशी खाता धारकों के नाम ) उनमे से एक भी काम नही होने दिया।

Amit Shah on core issues -- अमित शाह धारा 370 व अन्य मुददों पर

खबरी -- अमित शाह ने कहा है की पार्टी को धरा 370 जैसे मुददों को हल करने के लिए 370 सीटें चाहियें। 


गप्पी -- पहले पूर्ण बहुमत , फिर लोकसभा में 370 सीटें, फिर राज्य सभा में बहुमत, उसके बाद अदालतों का रोड़ा , असल में आपको राजतन्त्र चाहिए।  और वो होने वाला नही है।

A Honest conversation with a Government Spokesperson - सरकार के प्रवक्ता से एक स्पष्ट बातचीत

खबरी -- तुम बता रहे थे की कल तुम्हारी सरकार के एक प्रवक्ता से एकदम स्पष्ट और ईमानदार बातचीत हुई, और उसमे उसने राजनीती से हटकर एकदम सीधे और सच्चे जवाब दिए। 


गप्पी -- हाँ, एकदम सीधी और सच्ची बात, बिना घुमाए फिराए। 


खबरी -- तो बताओ की क्या-क्या बातें हुई। 


गप्पी -- सरकार का एक साल पूरा होने पर मैंने उससे सरकार की प्रमुख सफलता के बारे में पूछा।  पूरी बातचीत का विवरण इस तरह है। 

प्रवक्ता -- जैसे की प्रधानमन्त्री ने अपने भाषण में बताया है, सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है इस एक साल में किसी घोटाले का सामने न आना। 

गप्पी -- अगर घोटाले का सामने न आना ही उपलब्धि है तो बंगाल के 35 साल के वामपन्थी शासन में जिसमे एक भी घोटाला नही हुआ उसके बारे में आप क्या कहना चाहेंगे। 

प्रवक्ता -- देखिये घोटाला न होना और सामने न आना, दोनों अलग-अलग बातें हैं। हमने घोटाला सामने न आने की बात कही है।  और उसके लिए हमने पूरे प्रयास किये हैं। पूरा साल गुजर जाने के बावजूद हमने न तो CIC , न CVC और न ही लोकपाल की नियुक्ति की।  जहाँ तक CAG का सवाल है तो उसकी तो इस साल की ऑडिट ही 1-2 साल के बाद होगी। इस मामले में हमे गुजरात का अनुभव बहुत काम आया।  जब तक मोदी जी वहां के मुख्यमंत्री रहे, हमने 12 साल लोकायुक्त की नियुक्ति नही होने दी। 

          दूसरा आपने जो वामपंथियों के साथ हमारी तुलना की वो सही नही है।  आपने उनका रहन-सहन देखा है, एकदम लोवर क्लास के लोग हैं। अपना वेतन पार्टी को देकर उससे घरखर्च के लिए 5000 रूपये ले लेते हैं और उसमे गुजारा  कर लेते हैं।  इतने पैसों में तो हमारे एक बच्चे का जेबखर्च नही चलता।  हम तो जब घर से निकलते है तभी घोटाले करने के सैकड़ों कारण मुंह फैलाये सामने खड़े होते हैं।  हमने जिस तरह ये एक साल निकाला है हम ही जानते हैं।

गप्पी -- लेकिन आप लोगों में से तो बहुत से लोग संघ से आये हैं और संघ के लोगों के बारे में तो ये कहा जाता है की वो देश सेवा के लिए आये हैं। 

प्रवक्ता -- हाँ, ये बात सही है की बहुत से लोग संघ से आये हैं। परन्तु आपको याद होगा की संघ का जन्म कितनी मुश्किल परिस्थितियों में हुआ था।  उस समय देश में अंग्रेजों का राज था , और जो भी संगठन बनता था ये माना जाता था की वो आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए बनाया गया है। हमारे सामने दो मुश्किलें थी एक तो अंग्रेजों को ये बताना की हम कोई आजादी-वाजादी के लिए संगठन नही बना रहे हैं और दूसरी तरफ उन लोगों के बीच में काम करना जो अंग्रेजों से नफरत करते थे। उसके लिए पहला तरीका तो ये निकाला की हमने अपना गणवेश निककर रख लिया।  उस समय अंग्रेज  सिपाही भी निककर पहनते थे तो हमने अंग्रेजों को ये संदेश दे दिया की हम भी आपके ही " सिपाही " हैं। दूसरा हमे अपने संगठन के लिए उस दिमागी लेवल के लोगों को चुनना आसान हो गया जो हमारे कहने अनुसार काम कर सकें। वरना तो अच्छे भले लोगों को जब हम  धोती उतार  कर निककर पहनने को कहते तो वो इतनी बुरी तरह बिदकते की सम्भालना मुश्किल  हो जाता। लेकिन अब 85 -90 साल से लोग इसी दिन का तो इंतजार कर रहे थे। 

खबरी -- फिर क्या हुआ ?

गप्पी -- होना क्या था घरवाली ने जगा दिया।

Sunday, May 24, 2015

BJP's double standard about growth - विकास के सवाल पर बीजेपी का दोहरा रवैया

खबरी -- कुछ लोग बीजेपी के विकास और अधिकारों पर अपनाये गए दोहरे रवैये पर आश्चर्यचकित हैं। 


गुप्पी -- एक तरह बीजेपी केंद्र सरकार में पूरे अधिकारों और बहुमत में होने के बावजूद कुछ महत्वपूर्ण बिलों को संसद की सलेक्ट कमेटी में और विचार विमर्श के लिए भेजे जाने की मांग को विकास में अवरोध बताती है और आरोप लगाती है की विपक्ष काम में रोड़े अटका रहा है, दूसरी तरफ दिल्ली सरकार के सारे अधिकार छीन कर भी कहती है की दिल्ली सरकार के पास विकास के लिए व्यापक अधिकार हैं।

Arun Jetly on Delhi Government turf war ( अरुण जेटली का दिल्ली विवाद पर बयान )

खबरी -- दिल्ली विवाद पर वित्तमंत्री अरुण जेटली का बयान आया है। 


गप्पी -- हाँ , जिसका मतलब लगभग यह है की दिल्ली में शासन के अधिकार उपराज्यपाल के पास हैं और सुशासन देने की जिम्मेदारी अरविन्द केजरीवाल की है।

Saturday, May 23, 2015

Home Ministry Notification on Delhi LG powers. (दिल्ली LG के अधिकारों पर गृह मंत्रालय का नोटिफिकेशन )

खबरी -- गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन, जिसमे ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल को दिए गए हैं के बारे में अरविन्द केजरीवाल का कहना है की केंद्र सरकार दिल्ली में चल रहे ट्रान्सफर और पोस्टिंग  उद्योग को बढ़ावा दे  रही है। 


गप्पी --  बीजेपी सरकार हर तरह के उद्योग को बढ़ावा दे  रही है अगर ट्रान्सफर पोस्टिंग उद्योग का सही मूल्यांकन किया जाये तो पता चलेगा की इसका भारतीय जीडीपी में कम से कम २% का योगदान है , ठीक उसी तरह जैसे वेश्यावृति का ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में। यही सच्चाई है।



Thursday, May 21, 2015

Amit Shah's statement on PMO (प्रधानमन्त्री ऑफिस पर अमित शाह का बयान )

खबरी-- मोदी सरकार का एक साल पूरा होने के एक कार्यक्रम में बोलते हुए अमित शाह ने कहा की हमने प्रधानमन्त्री कार्यालय की गरिमा बहाल की। 


गप्पी -- सही बयान ये होता की हमने " केवल " प्रधानमन्त्री कार्यालय की गरिमा बहाल की।

NarayanMurthi speak---------नारायणमूर्ती बोले

खबरी -- नारायणमूर्तीने अभी-अभी उद्योगपतियों के एक सम्मेलन में सभी विपक्षी पार्टियों को प्रधानमंत्री के पीछे खड़े होने को कहा है। 

 

गप्पी -- इनफ़ोसिस के मालिक नारायणमूर्ति ने अपने भाषण में कई मार्के की बातें कही हैं जो मुझ जैसे क्षुद्र बुद्धि के लोगों के ज्ञान लाभ के लिए बहुत जरूरी थी। उन्होंने देश की समस्याओं पर जो प्रकाश डाला वो अदभुत है।  हमारे जैसे छोटी बुद्धि के बहुत से लोग अब तक बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याओं को देश की प्रमुख समस्या मन कर चल रहे थे, उन्होंने हमारा ज्ञान लाभ करते हुए बताया की देश की मुख्य समस्या बेरोजगारी नही है बल्कि पिछले प्रभाव से लगने वाला टैक्स (RETROSPECTIVE TAX)  है।  अब जब सरकार को देश की मुख्य समस्या पता ही नही है तो वो उसे हल क्या खाक करेगी। 

                  दूसरी बात उन्होंने देश की सभी पार्टियों को प्रधानमन्त्री के पीछे उसी तरह खड़ा होने को कहा है जिस तरह ओबामा के आगे देश के सारे उद्योगपति लाइन लगा कर खड़े थे। इसके लिए उन्होंने कारण बताते हुए कहा है की पिछले एक साल में कई अच्छे काम हुए हैं, परन्तु एक अच्छे वक्ता की तरह उन्होंने उन कामों का खुलासा नही किया।  अगर वो खुलासा करते तो उन्हें बताना पड़ता की उद्योग जगत मनरेगा में, बच्चों के दोपहर के भोजन में और दूसरी कल्याणकारी योजनाओं में कटौती को अच्छा काम समझता है। और ये खुलासा आगे चलकर बड़ी समस्याएं पैदा कर सकता था। सो वे इससे बच कर निकल गए। 

                     तीसरी महत्वपूर्ण बात जो उन्होेने कही वो ये की सरकार को एकदम पारदर्शी होना चाहिए। लेकिन हमे तो लगता है की सरकार कुछ ज्यादा ही पारदर्शी है , जब कोई सरकार को देखना चाहता है तो पारदर्शी शीशे की तरह वो दिखाई ही नही देती।  लोगों तब मालूम पड़ता है की यहां सरकार है जब वो उससे टकरा कर सिर फ़ुड़वा लेते हैं। लेकिन उन्होंने इस पारदर्शिता का खुलासा किया।  उन्होंने कहा की सरकार ने  एक बार जो टैक्स और नीति की घोषणा कर दी उस पर कायम रहना चाहिए। खासकर जो टैक्स दर उसने निर्धारित कर दी उसे बदलना नही चाहिए भले ही कॉरपोरेट में बैठे लोग उसकी गलत व्याख्या करके या उसमे जानबूझ कर छोड़ दिए गए छिद्रों का उपयोग करके रिलायंस की तरह सालों  तक जीरो टैक्स कम्पनी बने रहें या वोडाफोन की तरह एक रुपया टैक्स न दें .  

                      मुझे इस पूरे भाषण में केवल एक चीज की कमी दिखाई दी वो ये थी की उन्होंने सरकार को ये नही बताया की वो इन पारदर्शी उद्योगपतियों से बैंकों का वो लाखों करोड़ रुपया कैसे वसूल करे जिसे ये उद्योगपति बाप का मॉल समझ कर हजम कर गए। ये पैसा तो इन्हे एकदम नगद दिया गया था और इस पर लगने वाले ब्याज से लेकर वापिस करने की तारीखों तक सबकुछ पारदर्शी था। 

                    अन्त में मै तो उनको केवल ये ही कह  सकता हूँ की इस देश की समस्याएं तो नारायण को भी समझ नही आ रही तो नारायणमूर्ती क्या चीज हैं।

Tuesday, May 19, 2015

शर्मिन्दा होने के अपने - अपने कारण

खबरी -- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है की उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले हर आदमी भारतीय होने पर शर्मिंदा था। 


गप्पी -- इस देश में हर आदमी के शर्मिंदा होने के अपने-अपने कारण हैं।  पहले कुछ लोग ये नारा लगते थे " गांधी हम शर्मिंदा हैं,तेरे कातिल जिन्दा हैं। "

इस हिसाब से तो वो लोग अब भी शर्मिंदा होंगे।  कुछ बेवकूफ लोग छोटी-छोटी बातों पर भी शर्मिंदा रहते हैं जैसे बाल  मजदूरी पर, दुनिया के सबसे ज्यादा अनपढ़ भारत में होने पर, अब तक सिर पर मैला ढोने  की प्रथा पर, लड़कियों को गर्भ में मारे  जाने की घटनाओं पर, बहुओं को जलाये जाने की घटनाओं पर , बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर इत्यादि। अब इस तरह के लोगों का आप कुछ नही कर सकते , ये लोग हमेशा शर्मिंदा रहेंगे।

             लेकिन जो उद्योगपति केवल इस लिए शर्मिंदा थे की केवल 3 लाख करोड़ ही लूटने को मिले, वो अब गर्व महसूस कर सकते हैं की सरकार उनके लिए अनन्त लूट के अवसर पैदा कर रही  है। 

              मुझे कुछ लोग इस बात पर भी शर्मिंदा मिले जो कहते हैं कश्मीर चुनाव में आप जिस बाप-बेटी पर कश्मीर को लूटने का आरोप लगाते थे आपने उसी बाप-बेटी के साथ मिलकर सरकार बना ली। अब ये लोग राजनीती नही समझते तो आप क्या कर सकते हैं। 

               काले धन और रोजगार के सवालों पर आपकी पलटी से देश के बहुत से लोग सकते में हैं, वो जब होश में आएंगे तो शायद शर्मिंदा हों, परन्तु अभी तो उन्हें बहुत से झटके  बर्दास्त करने है और उन्हें शायद ही होश में आने का समय मिले। 

               कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो उन कारणों पर कभी शर्मिंदा नही होते जिन पर शर्मिंदा होने की लोग उनसे उम्मीद करते हैं।  जैसे आरएसएस कभी इस बात पर शर्मिंदा नही हुई की उसने आजादी की लड़ाई में भाग नही लिया, लेकिन इस बात पर शर्मिंदा है की आजादी के बाद एक अछूत द्वारा बनाया गया संविधान लागु कर दिया गया जबकि हमारे पास पहले से ही मनुस्मृति मौजूद थी। लोग तो आपसे भी 2002 पर शर्मिंदा होने की उम्मीद कर रहे थे, परन्तु क्या आप हुए , नही हुए।

कॉर्पोरेट के महारथी कांग्रेस पर बरसे

खबरी -- एक कर्यक्रम में आदि गोदरेज और किरण मजूमदार जैसे कॉरपोरेट के महारथी भूमि बिल और GST पर राज्य सभा में कांग्रेस रुख पर जम कर बरसे। 


गप्पी -- भारत का कॉरपोरेट सेक्टर कांग्रेस को गारंटेड मान  कर चलता है, उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा लाखों करोड़ घोटालों के रूप में कॉर्पोरेट को चटायें जाने के बावजूद बीजेपी का समर्थन किया क्योंकि कॉर्पोरेट को लूट के अवसर देने के मामले में वो बीजेपी को ज्यादा सक्षम मानते हैं, परन्तु अब उन्हें किसी भी  बिल पर कांग्रेस का विरोधी रुख अपनी बेरोकटोक लूट में बाधक नजर आ रहा है। उन्हें कम से कम कांग्रेस से ये उम्मीद नही थी।

खुदरा व्यापार में FDI पर वित्तमन्त्री अरुण जेटली का बयान

खबरी -- क्या खुदरा व्यापार में FDI के सवाल पर अरुण जेटली का बयान अटपटा नही है ?


गप्पी -- अरुण जेटली ने कहा है की हम खुदरा क्षेत्र में FDI के हक में नही हैं। " भले ही हमारी सरकार ने नोटिफिकेसन जारी कर दिया, भले ही सब जगह विदेशी दुकाने खुल जाएँ पर हम ये कहते रहेंगे की हम इसके हक में नही हैं। " उनके कहने का मतलब कुछ ऐसा है की " हमने विदेशी पूंजीपतियों से बाजार खोलने का वादा किया था हमने उसे पूरा किया , हमने देशी व्यापारिओं से वादा  किया था इसलिए हम ये कहते रहेंगे की हम खुदरा क्षेत्र में FDI के हक में नही हैं। सरकार अपना हर वादा निभाएगी। "

धन्य हो !

Monday, May 18, 2015

नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री Joseph E. Stiglitz के एक ब्लॉग से

खबरी -- ब्लॉग के अनुसार "मुक्त व्यापार समझौते " कब्जा करने का तरीका है। 



गप्पी -- विकासशील देशों और उनकी कम्पनियों को हथियाने के लिए इस तरह के करार हमेशा से किये जाते रहे हैं।  भारत में ईस्ट-इंडिया कम्पनी ने इन्ही करारों का सहारा लिया था।  परन्तु अब समस्या यह है की रीड-विहीन सरकारें और नेता इस तरह के समझौतों को जनता के सामने उपलब्धि के रूप में पेश करते हैं।

दिल्ली सरकार की नियुक्ति को उपराज्यपाल ने रद्द किया।

खबरी -- दिल्ली के उपराज्यपाल लगातार दिल्ली सरकार द्वारा की गयी नियुक्तियां रद्द कर रहे हैं , क्या उन्हें इसका अधिकार है?


गप्पी -- सवाल अधिकार का नही बल्कि जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के सम्मान का है।  उपराज्यपाल की पीठ पर बैठी बीजेपी को तो शायद ये भी याद नही होगा की उसने कभी दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग भी की थी।  अगर बीजेपी का शासन है तो पूर्ण राज्य चाहिए, दूसरे दल की सरकार है तो सारे  अधिकार गवर्नर को।  जिस जनता ने ये सरकार चुनी है क्या उसको बीजेपी केवल तालियां बजाने वाला झुण्ड समझती है।

Sunday, May 17, 2015

सेना के गोला-बारूद के भण्डार में कमी के लिए रक्षा मंत्री ने UPA सरकार को जिम्मेदार ठहराया

खबरी -- नई सरकार के एक साल बाद भी पिछली सरकार को दोष देना क्या सही है। 


गप्पी -- बीजेपी और आरएसएस के अनुसार पिछले 65 साल में कोई काम नही हुआ। जो चीजें हमे दिखाई दे रही है वो या तो पिछले एक साल में बनी हैं या आजादी से पहले बनी थी, देश में जितनी समस्याएं हैं उन सब के लिए नेहरू जिम्मेदार हैं जो बाकि गलत चीजें बचती हैं उसके लिए मुसलमान जिम्मेदार हैं। अगर रूस और नेहरू की साजिश के कारण भारत में ट्रैक्टर नही आता और देश की अर्थव्यवस्था को गाय और बैलों के आधार पर चलाया जाता तो हम अमेरिका से आगे निकल गए होते।

दिल्ली सरकार और गवर्नर का विवाद

खबरी -- आजकल दिल्ली सरकार और गवर्नर के विवाद की बड़ी चर्चा है, बीजेपी और कांग्रेस दोनों केजरीवाल को लताड़ रही हैं। 


गप्पी -- जब राज्य में बीजेपी सरकार में होती है और केंद्र में दूसरी पार्टी की सरकार होती है तो बीजेपी राज्यपाल को केंद्र का दलाल कहती है, जब केंद्र में बीजेपी की सरकार होती है तो राज्यपाल को संवैधानिक मुखिया कहती है।  जब केजरीवाल दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्जे की बात करते हैं तो बीजेपी और कांग्रेस दिल्ली सरकार के पास काम करने के पूरे अधिकार बताते हैं और जब अधिकारों का टकराव होता है तो कहते हैं की सारे  अधिकार गवर्नर के पास है, अगर दिल्ली सरकार के पास कोई अधिकार ही नही है तो उसे वायदे पूरे नही करने का दोष क्यों देते हो।  केजरीवाल में गलतियां हो सकती हैं, परन्तु इस विवाद से कांग्रेस बीजेपी का दोगलापन तो साबित हो ही गया है।

                    दिल्ली की नवनियुक्त अधिकारी शंकुन्तला गैमलिन पर बिजली कम्पनियों से मिले होने के केजरीवाल के बयान पर ग्रह राज्य मंत्री किरण रिजीजू का ये बयान की उन्हें उत्तर-पूर्व का होने के कारण बदनाम किया जा रहा है, निहायत घटिया और गैरजिम्मेदाराना है।  क्या मंत्री महोदय बताएंगे की उन्होंने एक साल में उत्तर-पूर्व के लोगों के लिए क्या किया है।  अरुणाचल का होने के कारण प्रधानमंत्री उन्हें चीन यात्रा पर नही ले गए, और अरुणाचल के बगैर भारत का नक्शा छापने पर एक शब्द नही बोले , अगर यह काम किसी दूसरी पार्टी के प्रधानमंत्री ने किया होता तो बीजेपी और आरएसएस ने आसमान सर पर उठा लिया होता।

Saturday, May 16, 2015

सिख युवक ने बच्चे की सहायता के लिए पगड़ी उतारी।

खबरी -- समाचार है की न्यूजीलैंड में दुर्घटना में घायल एक बच्चे को बचाने के लिए एक सिख युवक ने अपनी पगड़ी उत्तर कर उसके घाव पर बांध दी। 


गप्पी -- उसने सच्चा सिख होने का न केवल सबूत दिया बल्कि पगड़ी की लाज भी रख ली।

मजदूर संगठनो के साथ सरकार की बातचीत विफल

खबरी -- समाचार है की मजदूरों से संबंधित कानूनो को बदलने को लेकर सरकार और मजदूर संगठनो की बातचीत विफल हो गयी है। 


गप्पी -- भूमि अधिग्रहण बिल की तरह ही मजदूरों के अधिकारों में कटौती करना सरकार की एकतरफा जनविरोधी नीतिओं का उदाहरण है।  और सरकार इस पर भी यही कहेगी की वो ये मजदूरों के हिट में कर रही है।

Friday, May 15, 2015

सरकार ने पैट्रोल और डीजल के रेट फिर बढ़ाये

खबरी -- सरकार ने फिर एक बार पैट्रोल और डीजल के रेट में भारी बढ़ोतरी की। 


गप्पी -- हमे माफ़ कर दीजिये मोदी जी, हम आपको कभी "अच्छे दिन आने" का वादा याद नही दिलवाएंगे , हमारे दिनों को जैसे थे वैसे तो रहने दो।

179 देशों के "वर्ल्ड प्रैस फ्रीडम इंडेक्स" में भारत 140 वें स्थान पर

खबरी -- समाचार है की प्रेस की स्वतंत्रता के इंडेक्स में भारत और पीछे चला गया। 


गप्पी -- धन्य है महान सम्पादकगण और टेलीविज़न चैनलों पर थूक बिलोते एंकर, आखिर आपने साबित कर ही दिया की भारतीय मीडिया केवल एक उच्च कोटि का प्रचार तंत्र ही है।

(श्री श्री रविशंकर डॉलर की कीमत पर ) Shree Shree Ravishanker on Rupee V/S Doller

खबरी -- सोशल मीडिया में इस बात पर चर्चा हो रही है की श्री श्री रविशंकर ने कहा था की अगर मोदी जी की सरकार आई तो डॉलर की कीमत 40 रूपये हो जाएगी। 


गप्पी -- श्री श्री रविशंकर हों, बाबा रामदेव हों या कोई दूसरे बाबा, ये लोग हररोज अपनी बातों से लगातार सिद्ध करते रहते हैं की उन्हें आर्थिक , सामाजिक और राजनैतिक मामलों की कोई समझ नही है।

Wednesday, May 13, 2015

(काले धन पर संसद में बिल पास ) Black money bill passed by Parliament

खबरी -- समाचार है की संसद ने काले धन पर रोक लगाने के लिए कानून पास कर दिया। 


गप्पी -- परन्तु दिक्क़त यह है की हर कानून पकड़े जाने पर लागू होता है।

कराची हमले में 41 की मौत

खबरी -- समाचार है की पाकिस्तान में कुछ बंदूकधारी मोटरसाइकिल सवारों ने 41 अल्पसंख्यक शिया समुदाय के लोगों की हत्या कर दी। 


गप्पी -- जिस तरह दुनियाभर में धर्म जनूनियों की संख्या बढ़ रही है लगता है कुछ दिनों बाद पूरी दुनिया में    " आदमी " अल्पसंख्यक हो जायेगा।

मार्च में ओद्योगिक उत्पादन की दर 6 महीने के निचले स्तर पर

खबरी -- मार्च में ओद्योगिक उत्पादन की दर और महगाई की दर  दोनों में गिरावट दर्ज की गयी।


गप्पी -- दोनों इसलिए गिर रही हैं क्योंकि मांग नही है, और मांग इसलिए रही है क्योंकि खरीदने की हैसियत नही है।

Tuesday, May 12, 2015

पूर्ति घोटाले पर गडकरी की सफाई

खबरी -- पूर्ति घोटाले पर CAG की रिपोर्ट के बावजूद गडकरी ने कहा की कोई घोटाला नही हुआ। 


गप्पी -- CAG की रिपोर्टें भूकम्प का वो केंद्र है जिसके झटके इस सरकार को भी महसूस करने पड़ेंगे।  देखना ये है की बड़ा भूकम्प कब आता है।

ममता बैनर्जी और मोदी जी कोलकाता में एक स्टेज पर

खबरी -- कोलकाता में ममता बैनर्जी और मोदी जी की आत्मीयता देखने लायक थी। 


गप्पी -- जिस  फेविकोल में स्वार्थ का हार्डनर और सिद्धान्त हीनता का रेजिन मिला हो, वह किन्ही भी विरोधी चीजों को जोड़ सकता है।

Monday, May 11, 2015

आय से अधिक सम्पत्ति मामले में जयललिता बरी

खबरी -- सलमान को जमानत के बाद अब जयललिता को बरी  कर दिया गया।


गप्पी -- लोगों में चर्चा है की चूंकि भारतीय जेलें VIP के लायक नही हैं, इसलिए "VIP छोडो सप्ताह " मनाया जा रहा है।

Friday, May 8, 2015

अमेरिका ने सीरिया के विद्रोहियों को ट्रेनिंग की घोषणा की

खबरी --  अमेरिका ने कहा है की वो ISIS से लड़ने के लिए सीरिया के विद्रोहियों को ट्रेनिंग देगा। वो ये ट्रेनिग असद सरकार के विरूद्ध नही दे रहा। 


गप्पी -- कल रूस कहेगा की वो ISIS से लड़ने के लिए असद सरकार को हथियार देगा, तो अमेरिका की क्या प्रतिक्रिया होगी।

प. बंगाल में फैक्ट्री विस्फोट में मौतें

खबरी -- प. बंगाल में एक फैक्ट्री में हुए विस्फोट, जिसमे 15 लौड़ों के मरने का अनुमान है, पर सीपीएम का आरोप है की वह फैक्ट्री पटाखे बनाने की नही अपितु तृणमूल कांग्रेस के समर्थक की बम बनाने की फैक्ट्री थी। 


गप्पी -- फिर तो तृणमूल सरकार पूरा जोर लगा रही है " मेक इन इंडिया " में। प्रधानमंत्री ने देश को हथियारों के निर्माण में आत्मनिभर बनाने पर जोर दिया था। 

Thursday, May 7, 2015

राहुल गांधी भी ट्विटर पर

खबरी -- सुना है की राहुल गांधी भी ट्विटर पर आ गए है। 


गप्पी -- विपक्ष का काम है सरकार का पीछा करना।

Wednesday, May 6, 2015

US राष्ट्रपति का रोजाना कार्यक्रम कैसा होता होगा।

खबरी -- क्या तुम अनुमान लगा सकते हो की US राष्ट्रपति का रोजाना कार्यक्रम कैसा होता होगा। 


गुप्पी -- क्यों नही, जैसे सुबह नो बजे वो एक मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे जिसमे यमन में हवाई हमलों का समर्थन किया जायेगा, दस बजे सेना के एक कार्यक्रम में यमन में हथियार भेजने की घोषणा करेंगे, उसके बाद 11 बजे मानवाधिकार मंच के प्रोग्राम में यमन में होने वाली मौतों पर नाराजगी जाहिर करेंगे, 1 बजे यमन में मानवीय सहायता भेजने के प्रस्तावों पर विचार किया जायेगा, 3 बजे यमन के हवाई हमलों में शामिल करने के लिए विदेश सचिव को यूरोप के दौरे पर भेजेंगे और शाम को 5 बजे विदेश मंत्री को यमन में शांति की संभावना पर विचार करने अरब देशों के दौरे पर भेजकर गोल्फ खेलने चले जायेंगे।

लोकसभा में GST बिल पास

खबरी -- लोकसभा में बीजू जनता दल और तृणमूल के सहयोग और कांग्रेस के सहयोगपूर्ण वाक-आउट द्वारा GST बिल पास।  अब राज्य सभा का इंतजार। 


गप्पी -- कॉर्पोरेट समर्थक पार्टियां न तो विपक्ष का स्थान छोड़ेंगी और न ही उसका कोई बिल अटकने देंगी। सारा हो-हल्ला भूमि बिल जैसे एक बिल पर डालकर लोगों के साथ होने का दिखावा करती रहेंगी।

सलमान खान के केश पर गायक अभिजीत

खबरी -- सलमान खान के केश पर गायक अभिजीत ने ट्विटर पर कहा की कुत्ता रोड पर सोयेगा तो कुत्ते की मौत मरेगा, रोड गरीब के बाप की नही है, मैं एक साल बिना घर रहा पर रोड पर नही सोया। 


गप्पी -- कुछ कुत्ते पालतू होते हैं, जो हमेशा मालिक के पैरों में सोते हैं इसलिए उन्हें रोड पर सोने की जरूरत नही पड़ती।

Tuesday, May 5, 2015

भारतीय टीवी मीडिया पर उठ रहे सवालों पर

खबरी -- आजकल भरतीय टीवी मीडिया के कामकाज पर बहुत लोग सवाल उठा रहे हैं। 


गप्पी -- भारतीय टीवी मीडिया के पास केवल जुबान है, सिर नही है और वो चाहता है की लोग उसके समूहगान को क्लासिक का दर्जा दें।

मोदी जी की भारत यात्रा समाप्त

खबरी -- प्रधानमंत्री मोदी 14 मई को चीन सहित 3 देशों की यात्रा पर जायेंगे। 


गप्पी -- ये कहो न की मोदी जी की भारत यात्रा 13 मई को समाप्त हो रही है।

Monday, May 4, 2015

नितिन गडकरी - पेशाब से सिंचाई

खबरी -- नितिन गडकरी ने कहा है की वो अपने बंगले के पौधों की अपने पेशाब से सिंचाई करते हैं


गप्पी -- अभी खबर आई थी की राजस्थान सरकार  गाय के पेशाब की रिफाइनरी लगा रही है और अब गडकरी अपने पेशाब के फायदे बता रहे हैं, लगता है देश में पेशाब-अर्थव्यवस्था शुरू होने वाली है।

क्या मीडिया राहुल को प्रमोट कर रहा है

खबरी -- इस बात की चर्चा है की मीडिया का एक हिस्सा  सरकार पर दबाव बनाने के लिए राहुल गांधी को प्रमोट कर रहा है। 


गप्पी -- जब भी कॉर्पोरेट को  लगता है की शासन में बैठे लोग उसकी उम्मीद के अनुसार कामयाब नही हो पा रहे और जनता दूसरा रास्ता ले सकती है तो वह अपनी दूसरी पसंद को आगे बढ़ाता है और लोगों में असमंजस की स्थिति पैदा करता है। लेकिन उसका दुर्भाग्य है की हर बार लोगों को चीजें समझने में पहले से ज्यादा आसानी होती है।

Sunday, May 3, 2015

Bid to evoke ‘Godhra’ in UP town

खबरी -- समाचार है की U P के शामली में "दूसरा गोधरा काण्ड" के लिए उकसाने की कोशिश। 


गप्पी -- शासन में बैठा वर्ग जब भी संकट में होता है उसे "गोधरा" की जरूरत पड़ती ही है।

Saturday, May 2, 2015

अरुण जेटली भूमि बिल पर

खबरी -- अरुण जेटली ने कहा है की अगर भूमि बिल राजयसभा में पास नही हुआ तो संसद का सयुंक्त सत्र बुलाएँगे। 


गप्पी -- जेटली जी को केवल संसद सदस्यों की संख्या तो याद है पर वो लोगों को भूल गए।

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ड्रोन हमले पर

खबरी -- अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ड्रोन हमले में गलती से मारे  गए एक अमेरिकी और एक इटालियन नागरिक की मौत पर खेद जताते हुए मुआवजे की घोषणा की , परन्तु ड्रोन हमलों में गलती से मारे गए 80000 पाकिस्तानी नागरिकों पर एक शब्द नही कहा। 


गप्पी -- सहयोगी, मित्र, सभ्यता, न्याय, संप्रभुता, समानता ये सब बातें हैं बातों का क्या।

पंजाब में लड़की को बस से फेंकने की घटना पर

खबरी -- पंजाब की बस वाली घटना पर सरकार कुछ कर क्यों नही रही ?


गप्पी -- कर तो रही है, लोगों ने सुरक्षा के लिए प्रदर्शन किया और आज सरकार ने बस के ड्राइवर्स को पुलिस सुरक्षा दे दी।

सीरिया में अमेरिकी हवाई हमले

खबरी -- सीरिया में अमेरिकी हवाई हमले में सैकड़ों आम लोग मारे गए, जहां हमला हुआ वहां कोई आतंकवादी नही था। 


गप्पी -- अमेरिकी हवाई और ड्रोन हमलों में "गलती से मरने वालों" की संख्या आतंकवादियों से ज्यादा है, इस हिसाब से अमेरिकी सेना दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन है।

Friday, May 1, 2015

मोदी सरकार पर अरुण शौरी

खबरी -- वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण शौरी ने कहा है की नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली और अमित शाह चला रहे हैं सरकार। 


गप्पी -- कितना बड़ा रहस्योद्घाटन किया है।

गैस सिलिंडर पर वैट सब्सिडी

खबरी -- समाचार है की गुजरात के घरेलू गैस के वो उपभोक्ता जिनके पास गुजरात से बाहर के मतदाता पहचान पत्र हैं उन्हें गैस सिलिंडर पर वैट सब्सिडी नही मिलेगी। 


गप्पी -- जब से भाजपा जम्मू - कश्मीर की सरकार में शामिल हुई है वो धारा 370 का अभ्यास कर रही है।

6 आधारभूत उद्योगों में मार्च में नकारात्मक विकास दर

खबरी -- समाचार है की लोहा और सीमेंट जैसी 6 आधारभूत उद्योगों में मार्च में नकारात्मक विकास दर रही। 


गप्पी -- न मूडीज की रेटिंग, न मैडिसन स्कवेयर के जलसे और न ही ढोल-नगाड़े, कुछ भी काम नही कर रहा आखिर सरकार क्या करे।

अल्पसंख्यकों पर अमेरिका की रिपोर्ट

खबरी -- भारत सरकार ने अमेरिका की उस रिपोर्ट को, जिसमे कहा  गया था की नई सरकार आने के बाद अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े  हैं, ये कहकर ख़ारिज कर दिया की उन्हें भारत, भारतीय समाज, और सविंधान के बारे में कम जानकारी है।


गप्पी -- उनकी जानकारी निश्चित रूप से कम है, ये तो उसी वक़्त पता चल  गया था जब वो मोदी जी पर लेख लिख रहे थे।