Saturday, November 14, 2015

Comment -- फ़्रांस पर आतंकी हमला और ISIS के खिलाफ जवाबी कार्यवाही का सवाल

ISIS ने फ़्रांस में सीरियल बम ब्लास्ट करके लगभग 150 लोगों को मार डाला। इस बर्बर और कायरता पूर्ण हमले की पुरे विश्व ने निंदा की और फ़्रांस के साथ एकजुटता का इजहार किया। इस हमले के बाद फ़्रांस के राष्ट्रपति ने इस हमले का कड़ा जवाब देने की घोषणा की। लेकिन पश्चिमी देशों की राजनीती को देखते हुए इस पर कुछ सवाल खड़े होते हैं।
१.  अमेरिका सीरिया में बसर-अल-असद की सरकार को हटाने के लिए ISIS को लगातार मदद देता रहा है। उसे मध्य-पूर्व में अपनी कब्जावर राजनीती और उद्देश्यों के लिए ISIS की लगातार जरूरत पड़ती है।
२.   यूरोपीय देशों को भी असद सरकार को हटाने के लिए ISIS जरूरी नजर आता है और वो इसके खिलाफ रुसी हमले का विरोध कर रहे हैं। पुतिन द्वारा सीरिया में ISIS के खिलाफ कार्यवाही का सबसे ज्यादा विरोध अमेरिका और फ़्रांस ने ही किया था।
३.  ईरान और सीरिया गठबंधन को कमजोर करने और लेबनान में हिजबुल्ला को रोकने के लिए इसराइल भी ISIS को सहयोग करता रहा है और वो मध्य-पूर्व में एक बड़ी और निरंकुश सैन्य ताकत है।
४.  सऊदी अरब भी शिया-सुन्नी अंतर्विरोध के चलते ISIS की मदद कर रहा है।
              इस पूरी गोलबंदी के बाद ISIS के खिलाफ कोई प्रभावी कार्यवाही ये लोग करेंगे इसका भरोसा किसी को नही हो रहा है। अमेरिका और यूरोपीय देश जब भी ISIS के खिलाफ कार्यवाही की बात करते हैं तो ऐसा लगता है जैसे कोई बाप अपने बिगड़ैल बच्चे को धमका रहा हो।

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