खबरी -- हेडली की गवाही के बाद बीजेपी और आरएसएस के सारे समर्थक उन लोगों पर हमला करने निकल पड़े हैं जिन्होंने ईशरत जहाँ के एनकाउंटर पर सवाल उठाये थे।
गप्पी -- पहले जब भी कोई अपराधी पकड़ा जाता था और किसी बीजेपी नेता का नाम लेता था तो बीजेपी का तर्क होता था की किसी अपराधी के बयान पर कैसे भरोषा किया जा सकता है। अब ये हेडली क्या देवलोक से आया है। हेडली के बयान को सही बताना उन सब लोगों को झूठा साबित करना है जो इशरत जहाँ के फर्जी एनकाउंटर की जाँच में शामिल थे। ये न्यायायिक जाँच करने वाले जस्टिस तमांग, सीबीआई और न्यायालय द्वारा बनाई गयी SIT को भी झूठा साबित करने का प्रयास है। आखिर ये हेडली कौन है ? 26/11 के मुंबई हमलों का एक ऐसा मुजरिम, जिससे पूछताछ तक की इजाजत अमेरिका ने भारत को नही दी थी। अमेरिका में हेडली को सजा इसलिए मिली थी, क्योंकि वो एक दोहरा जासूस था। हेडली एक अमेरिकी जासूस था इस बात से तो अमेरिका खुद भी इंकार नही करता। उससे पूछताछ की इजाजत इसलिए भी नही दी गयी हो सकती है की इन घटनाओं में अमेरिकी भागीदारी का पर्दाफाश होने का डर था।
जो बीजेपी कसाब को बिरयानी खिलाने की हायतौबा मचाती थी वो अब हेडली की तस्वीर पर दूध चढ़ाने निकली है। वाह रे राष्ट्रवाद ! इन नए शासकों का देवता गोडसे है और सिद्धांतकार गोएबल्स, ये आदमी से ज्यादा उसकी जहालत पर भरोसा करते हैं। इनके उद्देश्य संद्धिग्ध हैं और प्रयास विभाजनकारी हैं। लेकिन इनके पास ऐसे कठपुतलों की एक बड़ी फौज है जिसका व्यवहार उस बच्चे की तरह है जो हर उस खिलोने को तोड़ देता है जिसके छीन जाने का डर हो।
गप्पी -- पहले जब भी कोई अपराधी पकड़ा जाता था और किसी बीजेपी नेता का नाम लेता था तो बीजेपी का तर्क होता था की किसी अपराधी के बयान पर कैसे भरोषा किया जा सकता है। अब ये हेडली क्या देवलोक से आया है। हेडली के बयान को सही बताना उन सब लोगों को झूठा साबित करना है जो इशरत जहाँ के फर्जी एनकाउंटर की जाँच में शामिल थे। ये न्यायायिक जाँच करने वाले जस्टिस तमांग, सीबीआई और न्यायालय द्वारा बनाई गयी SIT को भी झूठा साबित करने का प्रयास है। आखिर ये हेडली कौन है ? 26/11 के मुंबई हमलों का एक ऐसा मुजरिम, जिससे पूछताछ तक की इजाजत अमेरिका ने भारत को नही दी थी। अमेरिका में हेडली को सजा इसलिए मिली थी, क्योंकि वो एक दोहरा जासूस था। हेडली एक अमेरिकी जासूस था इस बात से तो अमेरिका खुद भी इंकार नही करता। उससे पूछताछ की इजाजत इसलिए भी नही दी गयी हो सकती है की इन घटनाओं में अमेरिकी भागीदारी का पर्दाफाश होने का डर था।
जो बीजेपी कसाब को बिरयानी खिलाने की हायतौबा मचाती थी वो अब हेडली की तस्वीर पर दूध चढ़ाने निकली है। वाह रे राष्ट्रवाद ! इन नए शासकों का देवता गोडसे है और सिद्धांतकार गोएबल्स, ये आदमी से ज्यादा उसकी जहालत पर भरोसा करते हैं। इनके उद्देश्य संद्धिग्ध हैं और प्रयास विभाजनकारी हैं। लेकिन इनके पास ऐसे कठपुतलों की एक बड़ी फौज है जिसका व्यवहार उस बच्चे की तरह है जो हर उस खिलोने को तोड़ देता है जिसके छीन जाने का डर हो।
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