Sunday, December 6, 2015

Comment -- जरूरतमंदों को लूटने की तिकड़में

चेन्नई में भयानक संकट के बाद सारी रेल और विमान सेवाएं ठप्प हो गयी तो इसका फायदा उठाने के लिए सभी प्राइवेट विमान सेवा देने वाली कम्पनियों ने अपने किरायों में कई गुना बढ़ौतरी कर दी। बंगलोर से दिल्ली का किराया 80000 रूपये कर दिया। प्राकृतिक आफत और जरूरत के समय लोगों को इस तरह लूटने की इजाजत केवल हमारे देश में ही है। जब ये समय निकल जायेगा तो शायद सरकार का कोई बयान लीपापोती के लिए आये।
              इस तरह की लूट केवल प्राइवेट कंपनियां ही करती हों ऐसा भी नही है। त्योहारों के समय जब रेल यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है तो रेलवे हमेशा कुछ अतिरिक्त रेलगाडियां चलाता है। लेकिन इस सरकार के आने के बाद और एक अकाउंटेंट के रेल मंत्री बनाये जाने के बाद हमारा रेल मंत्रालय हररोज लोगों को लूटने के नए प्रयोग करता है। इन अतिरिक्त गाड़ियों का किराया इस तरह रक्खा गया है की आम यात्री तो इनमे यात्रा करने की सोच भी नही सकता। इनका किराया कभी-कभी तो हवाई जहाज के किराये से भी ज्यादा होता है।  आम लोगों को राहत देने की बजाय लूट के नए नए तरीके निकाले जाते हैं।
               पिछले दिनों में रेलवे ने कभी प्लेटफार्म टिकट को दुगना महंगा करके, कभी रिजर्वेशन कैंसल करने का चार्ज बढ़ाकर और अब बच्चों की सीट छीनकर हर वो तरीका अपनाया है जिससे लोगों की जेब काटी जा सके।
                इसलिए विपक्षी पार्टियों को इस लूट का सख्ती से विरोध करना चाहिए। और प्राकृतिक आपदा के समय लोगों को लूटने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करनी चाहिए।

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