ओक्टुबर IIP के आंकड़े 9. 8 % आये और उस पर इकोनॉमी में तेजी का दावा किया जा रहा है। लेकिन अगर इस आंकड़े को ठीक से देखा जाये तो पता चलता है की इसमें सारी बढ़ोतरी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के उत्पादन में बढ़ोतरी की वजह से हुई है। पिछले साल अक्टूबर में कंज्यूमर ड्यूरेबल का आंकड़ा -4.6 % था और इस बार ये आंकड़ा 42.2 % पर है।
इसका एक मुख्य कारण ये है की इस साल दिवाली नवंबर के महीने में थी और दिवाली पर होने वाली कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन अक्टूबर के महीने में हुआ है। और उसकी तुलना पिछले साल के अक्टूबर से की जा रही है।
कुछ दिन पहले आये कोर-सेक्टर के आंकड़े कमजोर थे और किसी भी अर्थव्यवस्था में सुधार के असली संकेत कोर- सेक्टर यानि बिजली, स्टील और खान जैसी आधारभूत क्षेत्रों में सुधार से मिलते हैं। इसलिए अक्टूबर IIP आंकड़ों से कोई स्थाई नतीजा निकालने से पहले अगले तीन-चार महीनो के आंकड़ों पर ध्यान रखने की जरूरत है।
इसका एक मुख्य कारण ये है की इस साल दिवाली नवंबर के महीने में थी और दिवाली पर होने वाली कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन अक्टूबर के महीने में हुआ है। और उसकी तुलना पिछले साल के अक्टूबर से की जा रही है।
कुछ दिन पहले आये कोर-सेक्टर के आंकड़े कमजोर थे और किसी भी अर्थव्यवस्था में सुधार के असली संकेत कोर- सेक्टर यानि बिजली, स्टील और खान जैसी आधारभूत क्षेत्रों में सुधार से मिलते हैं। इसलिए अक्टूबर IIP आंकड़ों से कोई स्थाई नतीजा निकालने से पहले अगले तीन-चार महीनो के आंकड़ों पर ध्यान रखने की जरूरत है।
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.