Saturday, April 2, 2016

एक विफल मुख्य्मंत्री का राष्ट्रवादी विलाप

                     महाराष्ट्र, एक ऐसा प्रदेश जिसने सालों देश की अर्थव्यवस्था का नेतृत्व किया है। प्रति व्यक्ति आय में जो हमेशा ऊपर के स्तरों पर रहा है। जिसकी राजधानी मुंबई पता नहीं कितने नोजवानो के सपनो को पूरा करने का आधार रही है। लेकिन आज उस महाराष्ट्र की क्या हालत है ? देश में आत्महत्या करने वाले किसानों की सबसे बड़ी संख्या यहीं से आती है। देश में पीने के पानी पर धारा 144  यहीं लगानी पड़ रही है। और जो आदमी पुरे देश के सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर का जिम्मेदार है वो इसी प्रदेश से आता है। पिछली बार जब विधानसभा  के चुनाव हुए थे तो बीजेपी ने कांग्रेस की नाकामियों को गिनाते हुए जनता से वायदा किया था की उसके पास इसका हल है। लेकिन आज लोगों को राहत देने के मामले में महाराष्ट्र सरकार देश की सबसे विफल सरकार है।
                   दूसरी तरफ नागरिक अधिकारों की सुरक्षा के मामले में भी इसका रिकार्ड बहुत ही खराब है। महिलाओं को पूजा के अधिकार के मामले में इस सरकार का रुख हमेशा से कटटरपंथियों की तरफदारी का रहा है और संविधान में दिए गए बराबरी के अधिकार को कभी परम्परा और कभी व्यवस्था के नाम पर लागु करने से इंकार करती रही है। दो दिन पहले आये उच्च न्यायालय के सपष्ट आदेश के बावजूद सरकार उसे लागु करने में ना केवल विफल रही है बल्कि उसने उसके लिए कोई प्रयास भी नहीं किया है।
                      ऐसे हालातों में सरकार के पास छुपने के लिए कोई जगह बचती नहीं है। इसलिए बीजेपी के पुराने तरीके के अनुसार उसने फिर हिन्दू राष्ट्रवाद के पीछे छिपने की कोशिश की है। जब राज्य की जनता का जीना  मुहाल हो गया है, लाखों किसान कर्जमाफी की मांग पर डेरा डाले हुए हैं उस समय इन सब चीजों से ध्यान हटाने के लिए मुख्य मंत्री फडणवीस ने फिर भारत माता की जय के नारे के मुद्दे को उठाकर हिन्दू राष्ट्रवाद के पीछे छिपने की कोशिश की है। उनका बयान ना केवल संविधान विरोधी है और समुदायों के बीच नफरत पैदा करने की कोशिश तो है ही, असली मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश भी है।
                       जो लोग भारत माता  की जय नहीं बोलते उनको देश में रहने का अधिकार है या नहीं ये तो इस देश का संविधान तय कर  देगा लेकिन जो मुख्य मंत्री लोगों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं कर सकता उसे तो एक मिनट भी अपने पद पर रहने का अधिकार नहीं है।

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.