11 अप्रैल को बंगाल चुनाव के पहले चरण के दूसरे भाग का मतदान हुआ। इससे पहले प्रथम भाग में 18 सीटों के लिए हुए मतदान में दो दिन बाद वोटर टर्नआउट में 3.5 % की बढ़ोतरी पर सभी राजनितिक पार्टियों के कान खड़े हो गए थे।
लेकिन 11 अप्रैल को दूसरे भाग की 31 सीटों के मतदान के दौरान उससे भी अजीब बात सामने आई। वो ये की वहां मतदान सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक था। उसमे मतदान के जो आंकड़े सामने आये वो इस तरह हैं।
सुबह 7 --- 9 बजे तक ---- करीब 19.5 %
9 ---- 11 बजे तक -- करीब 12 % --- 11 बजे तक का कुल आंकड़ा 31 % है।
11 -----1 बजे तक --करीब 29 % ----- 1 बजे तक का कुल आंकड़ा 60 % है।
1 ----5 बजे तक ---करीब 20 % ------- कुल मतदान का आंकड़ा 80 % है।
इसमें सुबह और शाम को जब गर्मी कम होती है और मतदाता वोट डालने के लिए बड़ी संख्या में बाहर निकलते हैं उस समय प्रति घंटा वोटिंग की रफ़्तार 5 से 8 प्रतिशत है। और दोपहर में जब बहुत गर्मी का वक्त था तब मतदान का प्रतिशत 14 से 15 % है। इसका कोई कारण समझ में नहीं आ रहा। आमतौर पर किसी भी मतदान केंद्र पर मतदान का प्रतिशत 8 % से ज्यादा नहीं होता। तो क्या इसका मतलब ये है की बिच के दो घंटों में जब बूथ पर लोग नहीं थे तब फर्जी वोट का खेल हो गया।
लेकिन 11 अप्रैल को दूसरे भाग की 31 सीटों के मतदान के दौरान उससे भी अजीब बात सामने आई। वो ये की वहां मतदान सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक था। उसमे मतदान के जो आंकड़े सामने आये वो इस तरह हैं।
सुबह 7 --- 9 बजे तक ---- करीब 19.5 %
9 ---- 11 बजे तक -- करीब 12 % --- 11 बजे तक का कुल आंकड़ा 31 % है।
11 -----1 बजे तक --करीब 29 % ----- 1 बजे तक का कुल आंकड़ा 60 % है।
1 ----5 बजे तक ---करीब 20 % ------- कुल मतदान का आंकड़ा 80 % है।
इसमें सुबह और शाम को जब गर्मी कम होती है और मतदाता वोट डालने के लिए बड़ी संख्या में बाहर निकलते हैं उस समय प्रति घंटा वोटिंग की रफ़्तार 5 से 8 प्रतिशत है। और दोपहर में जब बहुत गर्मी का वक्त था तब मतदान का प्रतिशत 14 से 15 % है। इसका कोई कारण समझ में नहीं आ रहा। आमतौर पर किसी भी मतदान केंद्र पर मतदान का प्रतिशत 8 % से ज्यादा नहीं होता। तो क्या इसका मतलब ये है की बिच के दो घंटों में जब बूथ पर लोग नहीं थे तब फर्जी वोट का खेल हो गया।
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