आज टाइम्स नाउ - सी वोटर का ओपिनियन पोल दिखाया गया। इन सभी ओपिनियन पोल में एक बात बहुत साफ नजर आती है और वो है इनका बीजेपी मोह और वाम विरोध। इसके लिए किस किस तरह की तिकड़में करनी पड़ती हैं वो भी अजीब है। इससे पहले जो ओपिनियन पोल आया था उसने ममता बैनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को 45 % वोट दिया था और लेफ्ट + कांग्रेस को 44 % वोट दिया था। आज टाइम्स नाउ के ओपिनियन पोल ने तृणमूल कांग्रेस को 41 % वोट दिया है और लेफ्ट + कांग्रेस को 40 % वोट दिया है यानि एक प्रतिशत का फर्क बरकरार रखा है। लेकिन अब उसने सीटों का अंतर् घटाकर 160 - 137 क्र दिया है। इसके साथ ही इसने बीजेपी का वोट बढ़ाकर 11 % क्र दिया है और कांग्रेस ( ८ % ) से ज्यादा कर दिया है। आज के ओपिनियन पोल ने ये भी स्वीकार कर लिया है की वाम मोर्चा तेजी से आगे बढ़ रहा है। लेकिन वो अब भी तृणमूल को आगे दिखाने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। जबकि सच्चाई ये है की इन चुनावों में ममता बैनर्जी हार रही है। उसके पीछे कई कारण हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण है लेफ्ट + कांग्रेस गठबंधन।
इन ओपिनियन पोल का बीजेपी प्रेम आसाम में खुलकर नजर आता है जब ये कांग्रेस का वोट प्रतिशत बीजेपी से दो प्रतिशत ज्यादा दिखाते हैं और सीटें दो कम दिखाते हैं। लेकिन मुकाबला दिखाने के बावजूद ये बीजेपी की सरकार बनती हुई नहीं दिखा रहे हैं। असलियत ये है की इस चुनाव में बीजेपी को 5 -0 से हार मिलने वाली है। बीजेपी को असम में जित नहीं मिल रही है बाकि में तो खैर उसे खुद भी उम्मीद नहीं थी। जिन पांच राज्यों में ये चुनाव हो रहा है वहां से लोकसभा की 116 सीटें आती हैं और जितने क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को बढ़त प्राप्त हुई थी इस बार बीजेपी उसका एक तिहाई भी नहीं जितने जा रही है।
इन ओपिनियन पोल का बीजेपी प्रेम आसाम में खुलकर नजर आता है जब ये कांग्रेस का वोट प्रतिशत बीजेपी से दो प्रतिशत ज्यादा दिखाते हैं और सीटें दो कम दिखाते हैं। लेकिन मुकाबला दिखाने के बावजूद ये बीजेपी की सरकार बनती हुई नहीं दिखा रहे हैं। असलियत ये है की इस चुनाव में बीजेपी को 5 -0 से हार मिलने वाली है। बीजेपी को असम में जित नहीं मिल रही है बाकि में तो खैर उसे खुद भी उम्मीद नहीं थी। जिन पांच राज्यों में ये चुनाव हो रहा है वहां से लोकसभा की 116 सीटें आती हैं और जितने क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को बढ़त प्राप्त हुई थी इस बार बीजेपी उसका एक तिहाई भी नहीं जितने जा रही है।
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.