खबरी -- उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश का क्या मतलब है ?
गप्पी -- केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी की इस फैसले पर तुरंत रोक लगाई जाये। उसका कहना अब तक उच्च न्यायालय का लिखित फैसला भी नहीं आया है और हरीश रावत कैबिनेट की मीटिंग करके फैसले ले रहे हैं।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल तक सबको फैसले की साइन की हुई कॉपी देने को कहा है और उसके बाद 27 अप्रैल को अगली सुनवाई रखी है और तब तक उच्च न्यायालय के फैसले पर अंतरिम यानि 27 अप्रैल तक रोक लगा दी है। अब सुप्रीम कोर्ट फैसले की कॉपी मिलने के बाद इस पर निर्णय करेगा।
दूसरा जो सबसे महत्वपूर्ण आदेश जो इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जरी किया है वो ये है की केंद्र सरकार तब तक राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला नहीं कर सकती। इसके लिए अटार्नी जनरल से गारंटी ली गई है। आखिर एक बार फिर पीछे से राष्ट्रपति शासन हटाकर अपना मुख्य्मंत्री बिठाने की बीजेपी की मंशा पर पानी फिर गया है।
गप्पी -- केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी की इस फैसले पर तुरंत रोक लगाई जाये। उसका कहना अब तक उच्च न्यायालय का लिखित फैसला भी नहीं आया है और हरीश रावत कैबिनेट की मीटिंग करके फैसले ले रहे हैं।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल तक सबको फैसले की साइन की हुई कॉपी देने को कहा है और उसके बाद 27 अप्रैल को अगली सुनवाई रखी है और तब तक उच्च न्यायालय के फैसले पर अंतरिम यानि 27 अप्रैल तक रोक लगा दी है। अब सुप्रीम कोर्ट फैसले की कॉपी मिलने के बाद इस पर निर्णय करेगा।
दूसरा जो सबसे महत्वपूर्ण आदेश जो इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जरी किया है वो ये है की केंद्र सरकार तब तक राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला नहीं कर सकती। इसके लिए अटार्नी जनरल से गारंटी ली गई है। आखिर एक बार फिर पीछे से राष्ट्रपति शासन हटाकर अपना मुख्य्मंत्री बिठाने की बीजेपी की मंशा पर पानी फिर गया है।
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