देशभक्ति का सीजन चल रहा है। हर खरगोश मारने वाला महान शिकारी का ख़िताब लगा कर घूम रहा है। इस दौर में एक नया नाम सामने आया है बाबा रामदेव का। रामदेव ने बड़े जोश से कहा है की वो कानून का सम्मान करते हैं वर्ना लाखों सर काटने का होंसला रखते हैं।
पहली बात तो ये है की ये सारे देशभक्त तब सामने आ रहे हैं जब भारत माता की जय बोलने में कोई खतरा नहीं है। जब भारत माता की जय बोलने में खतरा था यानि आजादी की लड़ाई के समय तब आरएसएस और ये सब पोंगापंथी लोगों को उससे दूर रहने की सलाह देते थे। 1925 से 1947 तक पुरे बाइस साल आरएसएस के मुंह से ये नारा एक बार भी नहीं निकला। क्योंकि तब ये नारा खतरनाक माना जाता था। अब इसकी होड़ लगी है।
कानून के सम्मान की बात करने वाले और ये नारा लगाने वाले लोगों में बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका विदेशों में काला धन जमा है। जो देश को गड्डे में उतारने के लिए जिम्मेदार हैं। इनमे बड़े पैमाने पर टैक्स चोर शामिल हैं। मिलावट करके हल्का सामान बेचने वाले शामिल हैं और किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले शामिल हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो देश को लूटने वाले बड़ी संख्या में शामिल हैं। रामदेव पर इनमे से कई आरोप हैं मजदूरों को कानून के हिसाब से वेतन तक ना देने के आरोप सहित।
उन्होंने दूसरी बात होंसले की की है। सो उनका होंसला लोगों ने देखा हुआ है जब वो 50000 समर्थकों को रामलीला मैदान पर पुलिस कार्यवाही से पीटते हुए छोड़कर महिलाओं के कपड़े पहन कर भाग गए थे। जिस आदमी में थोड़ी सी भी शर्म बाकी हो वो दुबारा लोगों को मुंह दिखाने की हिम्म्त भी नहीं करें। खैर अगर तब उनमे होंसला नहीं था और अब पतंजलि की दवाईंयां खाकर पैदा हो गया है तो मैं उनको ये होंसला दिखाने का उपाय बता सकता हूँ। आप वही तरीका अपना सकते हैं जो उधम सिंह ने अपनाया था। आप पाकिस्तान जाइये और जिन मसूद अजहर , हाफिज सईद इत्यादि को रोज कोसते हैं उनका सर काट कर ले आइए। इसमें केवल होंसला चाहिए और कोई क़ानूनी बाधा नहीं है। लेकिन असल में आपमें होंसला नहीं है असल में आप निहायत डरपोक किस्म के आदमी हैं जो भीड़ को उकसाकर हत्या करवा सकते हैं और पुलिस के डर से सलवार पहन कर भाग सकते हैं।
जो लोग सुविधा भोगी नारे लगा रहे हैं वो बहादुर नहीं हैं मक्कार हैं। अगर आप सचमुच देश से प्यार करते हैं तो मैं बताता हूँ की आपको क्या नारा लगाना चाहिए। आप बोलिए साम्राज्य वाढ मुर्दाबाद , आप बोलिए किसान मजदूर एकता जिंदाबाद, भाईचारा जिंदाबाद, पूंजीवाद मुर्दाबाद , टैक्स चोर मुर्दाबाद। क्या आप बोल पाएंगे। इतना भी नहीं कर सकते और केवल हिन्दुओं के ठेकेदार हैं तो कम से कम इतना तो बोलिए, दलित ब्राह्मण भाई भाई। सारी देशभक्ति और होंसले की हकीकत सामने आ जाएगी।
पहली बात तो ये है की ये सारे देशभक्त तब सामने आ रहे हैं जब भारत माता की जय बोलने में कोई खतरा नहीं है। जब भारत माता की जय बोलने में खतरा था यानि आजादी की लड़ाई के समय तब आरएसएस और ये सब पोंगापंथी लोगों को उससे दूर रहने की सलाह देते थे। 1925 से 1947 तक पुरे बाइस साल आरएसएस के मुंह से ये नारा एक बार भी नहीं निकला। क्योंकि तब ये नारा खतरनाक माना जाता था। अब इसकी होड़ लगी है।
कानून के सम्मान की बात करने वाले और ये नारा लगाने वाले लोगों में बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका विदेशों में काला धन जमा है। जो देश को गड्डे में उतारने के लिए जिम्मेदार हैं। इनमे बड़े पैमाने पर टैक्स चोर शामिल हैं। मिलावट करके हल्का सामान बेचने वाले शामिल हैं और किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले शामिल हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो देश को लूटने वाले बड़ी संख्या में शामिल हैं। रामदेव पर इनमे से कई आरोप हैं मजदूरों को कानून के हिसाब से वेतन तक ना देने के आरोप सहित।
उन्होंने दूसरी बात होंसले की की है। सो उनका होंसला लोगों ने देखा हुआ है जब वो 50000 समर्थकों को रामलीला मैदान पर पुलिस कार्यवाही से पीटते हुए छोड़कर महिलाओं के कपड़े पहन कर भाग गए थे। जिस आदमी में थोड़ी सी भी शर्म बाकी हो वो दुबारा लोगों को मुंह दिखाने की हिम्म्त भी नहीं करें। खैर अगर तब उनमे होंसला नहीं था और अब पतंजलि की दवाईंयां खाकर पैदा हो गया है तो मैं उनको ये होंसला दिखाने का उपाय बता सकता हूँ। आप वही तरीका अपना सकते हैं जो उधम सिंह ने अपनाया था। आप पाकिस्तान जाइये और जिन मसूद अजहर , हाफिज सईद इत्यादि को रोज कोसते हैं उनका सर काट कर ले आइए। इसमें केवल होंसला चाहिए और कोई क़ानूनी बाधा नहीं है। लेकिन असल में आपमें होंसला नहीं है असल में आप निहायत डरपोक किस्म के आदमी हैं जो भीड़ को उकसाकर हत्या करवा सकते हैं और पुलिस के डर से सलवार पहन कर भाग सकते हैं।
जो लोग सुविधा भोगी नारे लगा रहे हैं वो बहादुर नहीं हैं मक्कार हैं। अगर आप सचमुच देश से प्यार करते हैं तो मैं बताता हूँ की आपको क्या नारा लगाना चाहिए। आप बोलिए साम्राज्य वाढ मुर्दाबाद , आप बोलिए किसान मजदूर एकता जिंदाबाद, भाईचारा जिंदाबाद, पूंजीवाद मुर्दाबाद , टैक्स चोर मुर्दाबाद। क्या आप बोल पाएंगे। इतना भी नहीं कर सकते और केवल हिन्दुओं के ठेकेदार हैं तो कम से कम इतना तो बोलिए, दलित ब्राह्मण भाई भाई। सारी देशभक्ति और होंसले की हकीकत सामने आ जाएगी।
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