Thursday, June 25, 2015

मेरा पड़ौसी और आपातकाल

गप्पी -- मेरा एक पड़ौसी एकदम झल्लाया हुआ मेरे पास आया और बोला, " ये क्या हो रहा है भई , जो भी चैनल लगाओ एक ही रट लगी हुई है, आपातकाल, आपातकाल। मैं पूछना चाहता हूँ की आखिर ये आपातकाल आखिर है क्या बला। इससे ऐसा क्या हो जायेगा जो लोगों को इस तरह डराया  जा रहा है। अच्छा तुम बताओ की आपातकाल से क्या हो जाता है। "

" देखो आपातकाल का मतलब होता है की उसमे  सारे नागरिक अधिकार छीन लिए जाते हैं। " मैंने उसे समझाने का प्रयास किया। 

" क्या अभी आपातकाल है ?" उसने पूछा। 

" कैसी बात करते हो यार। अभी कौन कहता है की आपातकाल है। " मैंने कहा। 

" अच्छा, तो अब तुम्हे कौन सा अधिकार है। " उसने दोनों हाथ कमर पर रख लिए। 

" देखो, नागरिक अधिकारों का मतलब होता है वो बड़े बड़े अधिकार जैसे भाषण देने का अधिकार ओर…… " मैंने बताना शुरू किया तो उसने मुझे बीच में ही रोककर पूछा, " तुमने कभी भाषण दिया है ?"

"नही।"  मैंने कहा . 

" तो इस अधिकार का तुम क्या करोगे। अच्छा ये बताओ की अगर तुम बीमार हो और तुम्हारी जेब में पैसे न हों तो क्या तुम इलाज करवा सकते हो ?" उसने अपनी बात पूरी की। 

" बिना पैसे तो इलाज नही हो सकता। " मैंने कहा। 

" अगर पुलिस तुम्हे पकड़ने आये तो क्या तुम उससे पूछ सकते हो की मेरा वारंट है या नही। "

" वैसे कोई पूछता नही क्योंकि इसमें पिटने का खतरा रहता है। " मैंने कहा। 

" चलो जाने दो, ये बताओ की क्या तुम किसी बड़े आदमी को जिसने तुम्हे मारने की धमकी दी हो, बिना किसी सिफारिश या रिश्वत के उसके खिलाफ FIR दर्ज करवा सकते हो ?" उसने अगला सवाल पूछा। 

" नही करवा सकता। " मैं ढीला हो कर सच पर उत्तर आया। 

" क्या तुम अपने  बच्चो को अपनी मर्जी के स्कूल या विषय में पढ़ा  सकते हो, बिना पैसे। " 

" नही पढ़ा सकता। "

" अच्छा, कुछ बड़े अधिकारों के बारे में पूछता हूँ। क्या तुम बिना पुलिस से इजाजत लिए धरना दे सकते हो ?"

" नही दे सकता। " मैंने कहा। 

" अगर तुम्हारे पास काम नही है तो क्या तुम काम के अधिकार से परिवार का पेट भर सकते हो। "  वो अब हावी होने लगा था। 

" बिना काम परिवार कैसे  पाला जा सकता है। " मैंने जवाब दिया। 

" अगर कारखाने का मालिक नही चाहे तो क्या तुम वहां यूनियन बना सकते हो ?" उसने मुस्कुराते हुए पूछा। 

" नही, लेबर इन्स्पेक्टर अगले ही दिन मालिक को बता देता है की फलां आदमी ने यूनियन बनाने की दरख्वास्त दी है। " मैंने हकीकत के हिसाब से जवाब दिया। 

" तो तुम ये बताओ की तुम्हारे लिए आपातकाल हटा कब था। फालतू शोर मचा रक्खा है। " उसने कहा और बिना मेरे जवाब का इन्तजार किये चला गया।


खबरी -- लेकिन आपातकाल नही है इसलिए तुम ये सब कह सकते हो।


1 comment:

  1. भगवान बचाये आपातकाल से
    बहुत सही कहा आपने

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