खबरी -- बीजेपी और आरएसएस के प्रवक्ता साहित्यकारों को प्रधानमंत्री से बात करने की सलाह दे रहे हैं।
गुप्पी -- एक तो प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं की इसमें केंद्र का क्या रोल। दूसरे, माहोल को खराब करने वालों की शिकायत संघ या प्रधानमंत्री से करने की बात पर मुझे एक हरियाणवी कहावत याद आ गयी। एक जवान लड़का गांव की गली में सरेआम खड़ा होकर पेशाब कर रहा था। गांव वालों ने देखा तो बहुत नाराज हुए। उसके बाद कुछ समझदार लोगों ने सुझाव दिया की इसके बाप को इसकी शिकायत की जाये। गांव वाले उसे लेकर उसके घर गए तो देखते हैं की उसका बाप पेशाब करते करते पुरे आँगन में चककर लगा रहा है।
गुप्पी -- एक तो प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं की इसमें केंद्र का क्या रोल। दूसरे, माहोल को खराब करने वालों की शिकायत संघ या प्रधानमंत्री से करने की बात पर मुझे एक हरियाणवी कहावत याद आ गयी। एक जवान लड़का गांव की गली में सरेआम खड़ा होकर पेशाब कर रहा था। गांव वालों ने देखा तो बहुत नाराज हुए। उसके बाद कुछ समझदार लोगों ने सुझाव दिया की इसके बाप को इसकी शिकायत की जाये। गांव वाले उसे लेकर उसके घर गए तो देखते हैं की उसका बाप पेशाब करते करते पुरे आँगन में चककर लगा रहा है।
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