Friday, July 31, 2015

Vyang -- नेताजी द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं की क्लास

गप्पी -- सरकारी पार्टी के दफ्तर में आज खास चहल पहल थी। राजधानी से एक बड़े नेता पार्टी कार्यकर्ताओं की मीटिंग करने आ रहे थे। इसमें वो तात्कालिक मुद्दों पर आम जनता और विरोधियों को कैसे जवाब दिया जाये ये क्लास लेने वाले थे। नेताजी के सचिव ने पूरे दफ्तर में घूम कर मुआयना किया और फिर नेता जी से कहा, " चाय नाश्ते का इन्तजाम नजर नही आ रहा है। "

          नेताजी ने उसकी तरफ नाराजगी भरी नजरों से देखते हुए कहा, " जब पार्टी सत्ता में होती है तब कार्यकर्ताओं को इकट्ठा करने के लिए नाश्ते की जरूरत नही होती। तुम्हे इतना भी नही मालूम ? "

          सचिव को इत्मीनान हो गया। तय समय पर पूरा हाल खचाखच भर गया। और नेताजी ने अपना स्थान ग्रहण किया। दो चार ओपचारिक बातों के बाद नेताजी सीधे मुददे पर आ गए। 

           " जब पार्टी सत्ता में होती है तो लोग तरह तरह के सवाल आप लोगों से करते हैं। उनका जवाब कैसे दिया जाये और आप लोगों को कोई परेशानी वाली स्थिति में नही पड़ना पड़े उसके लिए आज की मीटिंग और क्लास का आयोजन किया गया है। हर कार्यकर्ता किसी भी तरह का सवाल पूछ सकता है। लेकिन इस बात को ध्यान में रखना चाहिए की चाहे हम सड़क पर हों, मुहल्ले में हों या संसद में हों, हमारा मकसद सामने वाले को सन्तुष्ट करना नही बल्कि चुप कराना होता है। इस एक नीति वाक्य को ध्यान में रखोगे तो कोई परेशानी नही आएगी। "

एक कार्यकर्ता ने खड़े होकर पूछा," आजकल लोग कुछ मंत्रियों के भृष्टाचार पर बहुत सवाल पूछ रहे हैं। "

   " बहुत अच्छा सवाल है। इसका जवाब बहुत सीधा और आसान है। अपने मंत्रियों के बारे में जवाब देने के  बजाए विपक्ष के मंत्रियों के भृष्टाचार गिनाना शुरू कर दो। हमारे नेता संसद में जो कर रहे हैं उससे ही तुम्हे समझ जाना चाहिए था। "

 " लेकिन लोग हमे हमारे वायदे की याद दिलाना शुरू कर देते हैं की भृष्टाचार बर्दाश्त नही किया जायेगा। " एक दूसरे कार्यकर्ता ने पूछा। 

   " उन्हें ये बताओ की हम विपक्ष के मंत्रियों का कोई भी भृष्टाचार बर्दाश्त नही करेंगे। कई पुराने मामलों पर सीबीआई को FIR दर्ज करने को कह दिया गया है। और सरकार अपना वायदा जरूर पूरा करेगी। "

    " लेकिन अपने मंत्रियों के भृष्टाचार पर क्या कहें ?" एक दूसरे कार्यकर्ता ने पूछा। 

    " उसके लिए सामने वाले को कहो  की ये कहना ही गलत है की हमारा कोई मंत्री भृष्टाचार कर सकता है। विपक्ष फालतू में मानवीय आधार पर या पारिवारिक संबंधों  किये गए कामों पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों को ये बताओ की उन्हें ये मानकर चलना चाहिए की हमारा कोई मंत्री भृष्टाचार नही कर सकता। "

   " कई लोग हमारे विकास के वायदे पर भी सवाल उठा रहे हैं, कालेधन पर सवाल कर रहे हैं। " एक कार्यकर्ता ने पूछा। 

   " उन्हें कहो की विकास हो रहा है इसके लिए उन्हें मूडीज की रेटिंग दिखाओ। और अगर कहीं विकास नही भी हो रहा है तो उसके लिए विपक्ष जिम्मेदार है। "

   " कुछ लोग कहते हैं की हस्पतालों में ना डाक्टर हैं और ना दवाइयाँ हैं इसमें विपक्ष क्या करेगा ?" एक कार्यकर्ता ने हैरानी जताई। 

    " यही तो फर्क है तुममे और हममे। अरे अगर विपक्ष भूमि बिल पास नही होने देगा तो दवाइयों के कारखाने कहां लगेंगे और मैडीकल कॉलेज कहां खुलेंगे। बोलो इसके लिए विपक्ष जिम्मेदार हुआ की नही। " नेताजी ने गर्व से चारों तरफ देखा। 

 कार्यकर्ता ---    " लोग कह रहे हैं की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल इतना सस्ता हो गया है फिर भी रेल या बस के किराये क्यों नही घट रहे हैं।? " 

 नेताजी -----    " उन्हें बताओ की रेल और बस के किराये कम करने के लिए उनका विस्तार करना जरूरी है। और उसके लिए जमीन चाहिए जो विपक्ष भूमि बिल को रोककर लेने नही दे रहा। "

कार्यकर्ता ----- " चौबीस घंटे और सस्ती बिजली के वायदे पर क्या कहें ? "

नेताजी -------- " चौबीस घंटे और सस्ती बिजली के लिए बिजली के नए और बड़े कारखाने लगाने की जरूरत है। जो भूमि बिल को रोककर विपक्ष करने नही दे रहा। "

कार्यकर्ता ------ " लोग फिल्म इंस्टिट्यूट में गजेन्द्र चौहान को चेयरमैन बनाने की योग्यता पर सवाल कर रहे हैं। "

नेताजी --   " लोगों को बताओ की  उसे गजेन्द्र चौहान की नजरों से ना देखें बल्कि युधिष्ठिर के रूप में देखे। किसी संस्था का चेयरमैन सरकार युधिष्ठिर से बेहतर कहां से लाये। ये लोगों का दृष्टि दोष है। विपक्ष किसी कौरव को चेयरमैन बनाना चाहता है। "

कार्यकर्ता -- " लोग लोकतंत्र की परम्पराओं की बात करते है उस पर क्या तर्क दें ?"

नेताजी -----" तुम लोगों को समझ लेना चाहिए की हमारे लिए भीड़तंत्र ही लोकतंत्र है। और जहां तक तर्क का सवाल है तो सामने वाले को चुप करने के लिए कभी भी तर्क पर भरोसा मत करो, कुतर्क पर करो। सामने वाला कुतर्क से जल्दी चुप होता है। आज के लिए इतना काफी है। बाकि लोगों से हमारी सोशल मीडिया की टीम निपट लेगी। "


खबरी -- बहुत खूब !

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