Sunday, March 27, 2016

व्यंग -- मैं किसानों को उपाय बता रहा था, फिर पता नहीं क्या हुआ ?

                मैं कई दिन से मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे किसानों की समस्याओं को दूर करने के अथक प्रयास देख रहा था। लेकिन किसान हैं की फिर भी आत्महत्या पर आत्महत्या किये जा रहे थे। मुझे मामला समझ नहीं आ रहा था। ये ठीक है की मैंने कभी खेत नहीं देखा था ( खेती करने की बात तो बहुत दूर ) लेकिन मैंने टीवी पर किसान देखे थे। उनके फोटो देखे थे और सरकारी नेताओं के बयान सुने थे। सरकार के इतने प्रयासों के बावजूद उनकी समस्या खत्म क्यों नहीं हो रही थी।
                  इसके लिए मैंने एक दिन एक सरकारी किसान नेता, जो शेयर मार्किट में दलाली का काम करता था और इसी कारण से मेरी उससे जान पहचान थी, उससे पूछ लिया, " भाई साब, ये किसानों की समस्याएं खत्म क्यों नहीं हो रही। "
                   तो उसने मुझे बताया की सरकार की योजनायों का प्रचार नहीं हो पा रहा है। अभी अभी प्रधानमंत्री ने भी पार्टी के सम्मेलन में यही बात कहि है। मामला साफ है की बस यही बात है। जब प्रधानमंत्री कह रहे हैं तो दूसरी कोई बात हो भी कैसे सकती है।
                    मेरे मन में प्रधानमंत्री के लिए अपार श्रद्धा में और बढ़ोतरी हो गई। मैं खुद को देश का जिम्मेदार नागरिक मानता हूँ, इसलिए मैंने सरकार की योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने का फैसला लिया। इसके लिए पहले तो मैंने एक मित्र के सहयोग से कुछ सचमुच के किसानों का प्रबंध किया और उनकी एक सभा बुलाई जिसमे करीब 200 लोगों को बुलाया। मुझे ये देखकर आष्चर्य हुआ की ये सभी वैसे ही फटेहाल किस्म के लोग थे जैसे टीवी में दिखाए जाते हैं। मुझे इस बात पर गर्व हुआ की हमारा मीडिया कितना यथार्थवादी है। बेचारे को वैसे ही गालियां दी जाती हैं। उसके बाद कार्यक्रम शुरू हुआ। मैंने बोलना शुरू किया।
                     मित्रो, ( ये शब्द मैंने मोदीजी से प्रभावित होकर लिया है ) जैसा की आप जानते हैं हमारे देश में किसानों की हालत बहुत खराब है। उनको कई तरह की समस्याएं हैं। लेकिन एक बात और है जो आप नहीं जानते। वो ये है की हर समस्या का हल सरकार खोज चुकी है। और आप लोगों को वह हल बताने के लिए ही आज यहां बुलाया गया है। ( इस पर हमने प्रभाव डालने के लिए रिकॉर्ड की हुई तालियां बजाई जिसके देखा देखी कुछ किसानों ने भी तालियां बजाई। )
                    मित्रो, सरकार ये मानती है की किसानों की सबसे बड़ी समस्या ये है की उनकी आमदनी कम है। इसलिए सरकार ने और खुद प्रधानमंत्री ने अथक मेहनत करके किसानों की आमदनी बढ़ाने के तरीके निकाले हैं। उसके लिए सबसे पहला काम ये है की आप अपने अपने मोबाईल पर किसान ऐप डाऊनलोड कीजिए। उससे आपको पता चलेगा की किस देश में किस चीज का क्या भाव है। आप अपनी वस्तु ऊँची कीमत पर बेच सकते हैं। जैसे आपको मालूम पड़ता है की इस  बार अफ्रीका में मक्की की कीमत ज्यादा है तो आप अपनी मक्की अफ्रीका के बाजार में बेच सकते हैं।
                     किसानों में खुसर पुसर शुरू हो गई। मुझे लगा की मेरी बात का  असर हो रहा है। इतने में एक किसान खड़ा होकर बोला ," लेकिन पानी कहां है ? हमे पानी चाहिए। "
                     मैं बड़ा हैरान हुआ। मैंने कहा की पानी बाहर दरवाजे पर रखा है और वो भी मिनरल वाटर। क्या आपने देखा नहीं ?
                     " हम खेतों के लिए पानी की बात कर रहे हैं। " एक किसान चिल्लाया।
                    हाँ, आप बोतल में डालकर इसे खेत में भी ले जा सकते हैं। इसमें परेशानी क्या है ? मैं हैरान था।
                       " बेवकूफ, हम सिंचाई के लिए पानी की बात कर रहे हैं। " दो तीन किसान इकट्ठे चिल्लाए।
            " सिंचाई की बात भी आएगी आगे। आपको थोड़ा धर्य रखना चाहिए। पहले जो चीजें ज्यादा जरूरी हैं वो आएँगी जैसे मोबाईल ऐप। उसके बाद अब मैं आपको ये बताऊंगा की आप अपनी फसल को ऑनलाइन कैसे बेच सकते हैं। उसके साथ ही सरकार ने जो फ़ूड प्रोसेसिंग के लिए छूट दी हैं वो सुन लीजिए। हर किसान अपनी फसल को ऐसे ही बेचने की बजाय अगर डिब्बाबंद करके बेचे तो उसको ज्यादा मुनाफा मिल सकता है। और प्रधानमंत्री ने जैसे कहा है अगर डिब्बे पर किसी लड़की की फोटो हो तो और भी ज्यादा मुनाफा हो सकता है। इसके लिए आपको विज्ञापन बनाने वाली कम्पनि से सम्पर्क करना पड़ेगा। इसके लिए आप गूगल का प्रयोग कर सकते हैं। "
                  मैंने देखा की कुछ किसान मेरी तरफ बढ़ रहे हैं। मुझे लगा की वो मुझसे हाथ मिलाने आ रहे होंगे। उसके बाद पता नहीं क्या हुआ। जब मुझे होश आया तो मैं एक जान पहचान के नर्सिंग होम था। अब मैं समझ गया हूँ की किसानो की समस्या कभी हल नहीं हो सकती। क्योंकि ये लोग सरकारी योजनाओं का फायदा ही नहीं उठाना चाहते।

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