हम पर ये आरोप लगाना गलत है की हम हर मामले में सेना और सैनिकों के सम्मान को घसीट रहे हैं। जो लोग ऐसा कहते हैं, दरअसल वो लोग देश के प्रति हमारी सोच को समझते ही नही हैं। इसलिए मैं आज यहां इस बात को साफ कर देना चाहता हूँ।
हम मानते हैं की हमारा देश खूबसूरत होना चाहिए। इसलिए देश के लोग, उसकी जमीन और उसका सबकुछ खूबसूरत होना चाहिए। इसलिए हम कश्मीर को भारत में बनाये रखने के हित में हैं। जहां तक कश्मीर के लोगों का सवाल है, वो चाहें तो यहां रह सकते हैं वरना पाकिस्तान जा सकते हैं। कश्मीर को भारत के साथ रखने के लिए हमे वहां के लोगों की जरूरत नही है। उसके लिए हमारे पास सेना है। हम ये भी मानते हैं की कश्मीर का जो हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है वो भी भारत में होना चाहिए। हम पाकिस्तान के साथ इस बात पर समझौता कर सकते हैं की वो अपने कब्जे वाले कश्मीर की जमीन हमे लौटा दे, भले ही वहां के लोगों को अपने पास रख ले। लोग तो हम हमारे कब्जे वाले कश्मीर से भी उसको दे सकते हैं।
उसी तरह हमारा मानना है की छत्तीसगढ़ और झारखंड इत्यादि में जो जंगल और खदाने हैं, वो खूबसूरत होनी चाहियें। वहां अभी बहुत बड़ी तादाद में कुरूप और भोंडे आदिवासी रहते हैं। हम उनको वहां से हटा रहे हैं और वो जमीन खूबसूरत उद्योगपतियों को दे रहें हैं। हम देश से प्यार करते हैं इसलिए उसे खूबसूरत बनाना चाहते हैं। इसलिए हमने बड़ी तादाद में सुरक्षा बलों को वहां तैनात कर रखा है और उन्होंने काफी इलाका खाली भी करवा लिया है। हमे उम्मीद है की जल्दी ही पूरा इलाका एक खूबसूरत जगह में बदल जायेगा। जहां तक बात वहां के बदसूरत आदिवासियों की है, उनमे से बहुत से लोग तो नक्सली कहकर मारे जा चुके होंगे और बाकि भाग चुके होंगे। लेकिन हम इतना जरूर कहना चाहते हैं की वो कहीं भी भाग लें, उनके लिए इस खूबसूरत देश में कोई जगह नही है। इसका कारण ये है की हमारी योजना पुरे देश को खूबसूरत बनाने की है।
हम इस देश के शहरों को खूबसूरत बना रहे हैं। हम वहां से गंदी बस्तियां और झोपड़ियाँ हटा रहे हैं। कई देशद्रोही सवाल उठाते हैं की उनमे रहने वाले लोग कहां जायेंगे। ये लोग देश को खूबसूरत बनाने की हमारी मुहीम में रोड़ा अटका रहे हैं। ये विकास विरोधी लोग हैं और इन्हे इस बात का जवाब देना होगा। जो लोग देश को बदसूरत बनाते हैं, शहरों को गंदा करते हैं उनके साथ सहानुभूति एक तरह का देशद्रोह ही है। उन बस्तियों को हटा कर वहां खूबसूरत मॉल बनाये जायेंगे या फिर खूबसूरत बच्चों के लिए मनोरंजन पार्क बनाये जायेंगे और उनकी एंट्री फ़ीस इतनी रखी जाएगी की बदसूरत बच्चे वहां घुसना तो दूर उसकी कल्पना भी नही कर सकते।
देश के विकास के लिए उद्योग धन्धों का विकास जरूरी होता है। कारखानो का मॉल नही बिकने के कारण हमारे खूबसूरत और प्यारे उद्योगपति बहुत चिंतित थे। इसलिए हमने उनके लिए रास्ता निकाल दिया है। अब वो उद्योग ना लगाएं। हम उन्हें सड़कें, स्कूल, हस्पताल, पार्क, पानी और कचरा उठाने तक का
काम दे रहे हैं। ये ऐसे काम हैं जिनके बिना कोई जिन्दा नही रह सकता। कुछ दिनों बाद पूरा देश इन खूबसूरत उद्योगपतियों के रहमोकरम पर जिन्दा रहेगा। लोग आखिर जायेंगे कहां ? वो स्कूल जायेगे तो इन्हे पैसा देना पड़ेगा, हस्पताल जायेंगे तो इन्हे पैसा देना पड़ेगा, पानी पिएंगे तो पैसा देना पड़ेगा, यहां तक की मर भी जायेंगे तो श्मशान घाट पर भी पैसा देना पड़ेगा। और ये कोई गलत बात नही है। सतयुग में भी राजा हरिश्चंद्र ने अपने ही पुत्र को जलाने के लिए अपनी ही पत्नी से पैसा माँगा था। हम सतयुगी परम्परा को जिन्दा करेंगे।
हम तो किसानो से जमीन लेकर उसे भी खूबसूरत बनाना चाहते थे लेकिन कुछ देशद्रोहियों ने इसमें अड़ंगा लगा दिया। खैर कोई बात नही, अभी हमने इस योजना को वापिस नही लिया है। हम देश के खेत और खलिहानों को भी खूबसूरत बना कर रहेंगे। कुछ गद्दार और बदसूरत किसान आत्महत्या करके विदेशों में देश की बदनामी कर रहे हैं इसे हम बर्दाश्त नही करेंगे। हालाँकि हमने इसे फैशन शो घोषित करके नुकशान को कम करने की कोशिश की है। फिर भी हम सरकार की तरफ से उन्हें चेतावनी जारी करते हैं की भविष्य में जो भी किसान आत्महत्या करेगा उस पर देशद्रोह का केस बना कर जेल में डाल दिया जायेगा।
और ये सारे काम करने के लिए हमे सेना की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि हम जानते हैं की देश में देशद्रोहियों की संख्या भी कुछ कम नही है। वो सैनिकों को ये बात याद दिलाते रहते हैं की वो भी किसान के बेटे हैं और बेरोजगार नौजवान उनके ही भाई बन्ध हैं। इस तरह की अफवाहें फैलाना देशद्रोह है। इसका मुकाबला करने के लिए हमने एक तरफ तो भक्तों की फौज बनाई है दूसरी तरफ हम सैनिकों को राष्ट्रवाद की शराब भी पिला रहे हैं। क्योंकि अगर वो इस बात को समझना शुरू कर देंगे तो देश को खूबसूरत बनाने का हमारा सपना अधूरा ही रह जायेगा। भारत माता की जय।
हम मानते हैं की हमारा देश खूबसूरत होना चाहिए। इसलिए देश के लोग, उसकी जमीन और उसका सबकुछ खूबसूरत होना चाहिए। इसलिए हम कश्मीर को भारत में बनाये रखने के हित में हैं। जहां तक कश्मीर के लोगों का सवाल है, वो चाहें तो यहां रह सकते हैं वरना पाकिस्तान जा सकते हैं। कश्मीर को भारत के साथ रखने के लिए हमे वहां के लोगों की जरूरत नही है। उसके लिए हमारे पास सेना है। हम ये भी मानते हैं की कश्मीर का जो हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है वो भी भारत में होना चाहिए। हम पाकिस्तान के साथ इस बात पर समझौता कर सकते हैं की वो अपने कब्जे वाले कश्मीर की जमीन हमे लौटा दे, भले ही वहां के लोगों को अपने पास रख ले। लोग तो हम हमारे कब्जे वाले कश्मीर से भी उसको दे सकते हैं।
उसी तरह हमारा मानना है की छत्तीसगढ़ और झारखंड इत्यादि में जो जंगल और खदाने हैं, वो खूबसूरत होनी चाहियें। वहां अभी बहुत बड़ी तादाद में कुरूप और भोंडे आदिवासी रहते हैं। हम उनको वहां से हटा रहे हैं और वो जमीन खूबसूरत उद्योगपतियों को दे रहें हैं। हम देश से प्यार करते हैं इसलिए उसे खूबसूरत बनाना चाहते हैं। इसलिए हमने बड़ी तादाद में सुरक्षा बलों को वहां तैनात कर रखा है और उन्होंने काफी इलाका खाली भी करवा लिया है। हमे उम्मीद है की जल्दी ही पूरा इलाका एक खूबसूरत जगह में बदल जायेगा। जहां तक बात वहां के बदसूरत आदिवासियों की है, उनमे से बहुत से लोग तो नक्सली कहकर मारे जा चुके होंगे और बाकि भाग चुके होंगे। लेकिन हम इतना जरूर कहना चाहते हैं की वो कहीं भी भाग लें, उनके लिए इस खूबसूरत देश में कोई जगह नही है। इसका कारण ये है की हमारी योजना पुरे देश को खूबसूरत बनाने की है।
हम इस देश के शहरों को खूबसूरत बना रहे हैं। हम वहां से गंदी बस्तियां और झोपड़ियाँ हटा रहे हैं। कई देशद्रोही सवाल उठाते हैं की उनमे रहने वाले लोग कहां जायेंगे। ये लोग देश को खूबसूरत बनाने की हमारी मुहीम में रोड़ा अटका रहे हैं। ये विकास विरोधी लोग हैं और इन्हे इस बात का जवाब देना होगा। जो लोग देश को बदसूरत बनाते हैं, शहरों को गंदा करते हैं उनके साथ सहानुभूति एक तरह का देशद्रोह ही है। उन बस्तियों को हटा कर वहां खूबसूरत मॉल बनाये जायेंगे या फिर खूबसूरत बच्चों के लिए मनोरंजन पार्क बनाये जायेंगे और उनकी एंट्री फ़ीस इतनी रखी जाएगी की बदसूरत बच्चे वहां घुसना तो दूर उसकी कल्पना भी नही कर सकते।
देश के विकास के लिए उद्योग धन्धों का विकास जरूरी होता है। कारखानो का मॉल नही बिकने के कारण हमारे खूबसूरत और प्यारे उद्योगपति बहुत चिंतित थे। इसलिए हमने उनके लिए रास्ता निकाल दिया है। अब वो उद्योग ना लगाएं। हम उन्हें सड़कें, स्कूल, हस्पताल, पार्क, पानी और कचरा उठाने तक का
काम दे रहे हैं। ये ऐसे काम हैं जिनके बिना कोई जिन्दा नही रह सकता। कुछ दिनों बाद पूरा देश इन खूबसूरत उद्योगपतियों के रहमोकरम पर जिन्दा रहेगा। लोग आखिर जायेंगे कहां ? वो स्कूल जायेगे तो इन्हे पैसा देना पड़ेगा, हस्पताल जायेंगे तो इन्हे पैसा देना पड़ेगा, पानी पिएंगे तो पैसा देना पड़ेगा, यहां तक की मर भी जायेंगे तो श्मशान घाट पर भी पैसा देना पड़ेगा। और ये कोई गलत बात नही है। सतयुग में भी राजा हरिश्चंद्र ने अपने ही पुत्र को जलाने के लिए अपनी ही पत्नी से पैसा माँगा था। हम सतयुगी परम्परा को जिन्दा करेंगे।
हम तो किसानो से जमीन लेकर उसे भी खूबसूरत बनाना चाहते थे लेकिन कुछ देशद्रोहियों ने इसमें अड़ंगा लगा दिया। खैर कोई बात नही, अभी हमने इस योजना को वापिस नही लिया है। हम देश के खेत और खलिहानों को भी खूबसूरत बना कर रहेंगे। कुछ गद्दार और बदसूरत किसान आत्महत्या करके विदेशों में देश की बदनामी कर रहे हैं इसे हम बर्दाश्त नही करेंगे। हालाँकि हमने इसे फैशन शो घोषित करके नुकशान को कम करने की कोशिश की है। फिर भी हम सरकार की तरफ से उन्हें चेतावनी जारी करते हैं की भविष्य में जो भी किसान आत्महत्या करेगा उस पर देशद्रोह का केस बना कर जेल में डाल दिया जायेगा।
और ये सारे काम करने के लिए हमे सेना की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि हम जानते हैं की देश में देशद्रोहियों की संख्या भी कुछ कम नही है। वो सैनिकों को ये बात याद दिलाते रहते हैं की वो भी किसान के बेटे हैं और बेरोजगार नौजवान उनके ही भाई बन्ध हैं। इस तरह की अफवाहें फैलाना देशद्रोह है। इसका मुकाबला करने के लिए हमने एक तरफ तो भक्तों की फौज बनाई है दूसरी तरफ हम सैनिकों को राष्ट्रवाद की शराब भी पिला रहे हैं। क्योंकि अगर वो इस बात को समझना शुरू कर देंगे तो देश को खूबसूरत बनाने का हमारा सपना अधूरा ही रह जायेगा। भारत माता की जय।
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