हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा है की धर्मशाला में होने वाले भारत-पाक मैच को हिमाचल से बाहर बदल दिया जाये क्योंकि हिमाचल में पाकिस्तानी फौज द्वारा शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को इस पर एतराज है। उन्होंने ये भी कहा है की इन हालात में हिमाचल सरकार मैच के लिए सुरक्षा मुहैया नही करवा पायेगी।
वीरभद्र सिंह की इस गुगली से जैसे पूरी बीजेपी एक साथ आउट हो गयी है। बीजेपी में किसी को सूझ ही नही रहा की कैसे प्रतिक्रिया दी जाये। बीजेपी नेता और BCCI के सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा है की इससे पूरी दुनिया में गलत संदेश जायेगा। बहुत खूब ! अब तक तो आप यही राजनीती करते रहे हैं। हर सवाल पर आपने सैनिकों को सामने खड़ा कर दिया है। यहां तक की JNU के भी, जिसका सैनिकों से कोई लेना देना नही था आपने उनके नाम पर बहुत भावनाएं भड़काई थी और अब भी भड़का रहे हो तब गलत संदेश नही गया। अनुराग ठाकुर के पिता और हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने कहा है की जो सरकार एक मैच को सुरक्षा मुहैया नही करवा सकती उसे सत्ता छोड़ देनी चाहिए। भई वाह ! आपने ऐसा महाराष्ट्र सरकार के लिए तो कभी नही कहा। जरा एक मैच मुंबई में भी करवा कर दिखा दीजिये। और सत्ता छोड़ने के लिए पहले आप राजनाथ सिंह को कहिये जो अदालत तक में सुरक्षा मुहैया नही करवा पाये।
मैं खेलों को राजनीती से अलग रखने का हिमायती हूँ। लेकिन जिस अंधे राष्ट्रवाद का प्रचार और उपयोग बीजेपी अपने तुच्छ राजनैतिक हितों के लिए करती रही है ये उसका सटीक जवाब है। श्री वीरभद्र सिंह को बधाई।
वीरभद्र सिंह की इस गुगली से जैसे पूरी बीजेपी एक साथ आउट हो गयी है। बीजेपी में किसी को सूझ ही नही रहा की कैसे प्रतिक्रिया दी जाये। बीजेपी नेता और BCCI के सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा है की इससे पूरी दुनिया में गलत संदेश जायेगा। बहुत खूब ! अब तक तो आप यही राजनीती करते रहे हैं। हर सवाल पर आपने सैनिकों को सामने खड़ा कर दिया है। यहां तक की JNU के भी, जिसका सैनिकों से कोई लेना देना नही था आपने उनके नाम पर बहुत भावनाएं भड़काई थी और अब भी भड़का रहे हो तब गलत संदेश नही गया। अनुराग ठाकुर के पिता और हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने कहा है की जो सरकार एक मैच को सुरक्षा मुहैया नही करवा सकती उसे सत्ता छोड़ देनी चाहिए। भई वाह ! आपने ऐसा महाराष्ट्र सरकार के लिए तो कभी नही कहा। जरा एक मैच मुंबई में भी करवा कर दिखा दीजिये। और सत्ता छोड़ने के लिए पहले आप राजनाथ सिंह को कहिये जो अदालत तक में सुरक्षा मुहैया नही करवा पाये।
मैं खेलों को राजनीती से अलग रखने का हिमायती हूँ। लेकिन जिस अंधे राष्ट्रवाद का प्रचार और उपयोग बीजेपी अपने तुच्छ राजनैतिक हितों के लिए करती रही है ये उसका सटीक जवाब है। श्री वीरभद्र सिंह को बधाई।
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