आरएसएस लम्बे समय से ये प्रचार करता रहा है की जिस तेजी से मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ रही है उसके कारण बहुत जल्दी देश में हिन्दू अल्पसंख्यक हो जायेंगे। कम पढ़े लिखे और संघ पर भरोसा करने वाले बहुत से लोग भी इस पर विश्वास करने लगे थे। अपने इस तर्क के पीछे संघ मुस्लिमों की चार शादियां करने की छूट को भी तर्क के रूप में इस्तेमाल करता रहा है। अब 2011 की जनगणना के धर्म आधारित आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। आदत के अनुसार संघ के लोग इनकी व्याख्या भी अपने हिसाब से तोड़ मरोड़ कर कर रहे हैं। लेकिन चिल्ला चिल्ला कर आवाज देती हुई सच्चाई को छिपाना मुश्किल हो रहा है। कुछ समाचर पत्रों ने भी इस खबर को छापते वक्त ये हेडलाइन लगाई है की देश की जनसंख्या में मुस्लिमो हा हिस्सा बढ़ा है। खबर को इस तरह पेश करना अर्धसत्य होता है और अर्धसत्य बहुत बार झूठ से भी ज्यादा खतरनाक होता है। 2011 की जनगणना के जो आंकड़े सामने आये हैं और उनसे जो तथ्य उभर कर आये हैं वो इस प्रकार हैं।
ये आंकड़े तीन तथ्यों पर देखे जाने चाहियें।
हिन्दू मुस्लिम
1991 कुल जनसंख्या -------------- --------------
2001 '' 85. 29 Cr. 14 . 20 Cr.
2011 '' 96 . 63 Cr. 17 . 22 Cr.
2001 जनसंख्या में हिस्सेदारी 80 . 5 % 13 . 4 %
2011 '' 79 . 8 % 14 . 2 %
1991 जनसंख्या वृद्धिदर 25 . 1 % 34 . 5 %
2001 '' 20 . 3 % 29 . 5 %
2011 '' 16 . 8 % 24 . 5 %
उपरोक्त आंकड़ों से दो बातें साफ होती हैं। पहली ये की 2001 से 2011 के बीच हिन्दुओं की जनसंख्या में कुल मिलकर 11 करोड़ 34 लाख की बढ़ौतरी हुई। और मुस्लिमों की जनसंख्या में 3 करोड़ 2 लाख की बढ़ौतरी हुई।
दूसरी बात जो इसमें सामने आई वो ये है की 1991 से 2001 के बीच हिन्दुओं की जनसंख्या बढ़ौतरी की दर में 4.8 % और 2001 से 2011 के बीच 3.5 % की गिरावट आई। लेकिन मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ौतरी की दर में यही गिरावट 1991 से 2001 के दौरान 5 % और 2001 से 2011 के बीच में भी 5 % की दर से आई। इसका मतलब ये होता है की मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ौतरी की दर में गिरावट हिन्दुओं की अपेक्षा ज्यादा तेजी से आई है।
तीसरी महत्त्वपूर्ण बात ये है की जिन समुदायों का हिस्सा 80 -17 हो तो छोटा समुदाय कभी भी बहुसंख्यक नहीं हो सकता है। क्योंकि उनकी कुल जनसंख्या बढ़ौतरी असल में 11 करोड़ 34 लाख और 3 करोड़ 2 लाख ही होगी। अगर इसमें कुछ फर्क भी आता है तो भी हिंदुओं जी जनसंख्या बढ़ौतरी मुस्लिमों से करीब 8 करोड़ प्रति दशक ज्यादा ही रहेगी।
इसलिए मेरी लोगों से गुजारिश है की दूसरों के बहकावे में आने की बजाए आंकड़ों का विश्लेषण करना सीखें।
ये आंकड़े तीन तथ्यों पर देखे जाने चाहियें।
हिन्दू मुस्लिम
1991 कुल जनसंख्या -------------- --------------
2001 '' 85. 29 Cr. 14 . 20 Cr.
2011 '' 96 . 63 Cr. 17 . 22 Cr.
2001 जनसंख्या में हिस्सेदारी 80 . 5 % 13 . 4 %
2011 '' 79 . 8 % 14 . 2 %
1991 जनसंख्या वृद्धिदर 25 . 1 % 34 . 5 %
2001 '' 20 . 3 % 29 . 5 %
2011 '' 16 . 8 % 24 . 5 %
उपरोक्त आंकड़ों से दो बातें साफ होती हैं। पहली ये की 2001 से 2011 के बीच हिन्दुओं की जनसंख्या में कुल मिलकर 11 करोड़ 34 लाख की बढ़ौतरी हुई। और मुस्लिमों की जनसंख्या में 3 करोड़ 2 लाख की बढ़ौतरी हुई।
दूसरी बात जो इसमें सामने आई वो ये है की 1991 से 2001 के बीच हिन्दुओं की जनसंख्या बढ़ौतरी की दर में 4.8 % और 2001 से 2011 के बीच 3.5 % की गिरावट आई। लेकिन मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ौतरी की दर में यही गिरावट 1991 से 2001 के दौरान 5 % और 2001 से 2011 के बीच में भी 5 % की दर से आई। इसका मतलब ये होता है की मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ौतरी की दर में गिरावट हिन्दुओं की अपेक्षा ज्यादा तेजी से आई है।
तीसरी महत्त्वपूर्ण बात ये है की जिन समुदायों का हिस्सा 80 -17 हो तो छोटा समुदाय कभी भी बहुसंख्यक नहीं हो सकता है। क्योंकि उनकी कुल जनसंख्या बढ़ौतरी असल में 11 करोड़ 34 लाख और 3 करोड़ 2 लाख ही होगी। अगर इसमें कुछ फर्क भी आता है तो भी हिंदुओं जी जनसंख्या बढ़ौतरी मुस्लिमों से करीब 8 करोड़ प्रति दशक ज्यादा ही रहेगी।
इसलिए मेरी लोगों से गुजारिश है की दूसरों के बहकावे में आने की बजाए आंकड़ों का विश्लेषण करना सीखें।
बहुत सही कहा मित्र पर पॉलिटिक्स वाले तो अपनी डाल गलायेंगे ही चाहे इसके लिए भोली भाली जनता की लाशो पे से क्यों न गुज़ारना पड़े बेहतरीन पोस्ट धन्यबाद
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